नई पीढ़ी का संकल्प, हर घर सजाएंगे मंजूषा से
दैनिक जागरण का अभियान घर सजे मंजूषा से अपनी सीमाओं का विस्तार करते हुए लोक मन में छा गया है।
भागलपुर।दैनिक जागरण का अभियान घर सजे मंजूषा से अपनी सीमाओं का विस्तार करते हुए लोक मन में छा गया है। खासकर नई पीढ़ी ने इसे हाथोहाथ लिया। शुक्रवार को मंजूषा महोत्सव में आयोजित रैंप शो में अपनी कला-संस्कृति से युवाओं का प्यार देखते ही बन रहा था। मंजूषा पेंटिंग से सजे परिधान पहनकर युवाओं की टोली जब रैंप पर उतरी तो देखने वालों ने दांतों तले अंगुली दबा ली। मानों मंजूषा को अब नया मुकाम मिल गया हो। युवाओं ने कहा, अब हर घर मंजूषा से सजाएंगे।
जागरण अभियान से प्रेरित होकर उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान ने महोत्सव के समापन के अवसर पर रैंप शो का आयोजन किया था। इसमें 22 युवक-युवतियों और महिलाओं ने प्रदर्शन किया। सबसे वरिष्ठ कलाकार निर्मला देवी जब हाथों में मंजूषा प्रिंट का छाता, साड़ी और चादर लेकर रैंप पर उतरीं तो प्रशाल में देर तक तालियां बजती रहीं। इनके साथ मनोज पंडित ने धोती, कुर्ता व दुपट्टा, अमन सागर ने कुर्ता और राजीवकांत मिश्रा ने बंडी पहनकर रैंप पर वॉक किया। राज्य पुरस्कार से सम्मानित अनुकृति ने मंजूषा साड़ी पहनकर वॉक किया। रोशनी की चकाचौंध व संगीत की ताल पर मंजूषा का रंग रैंप पर इतरा रहा था।
रैंप पर जिंस के साथ टी-शर्ट, सलवार सूट और साड़ी पहनकर छात्राओं ने मंजूषा कला प्रदर्शन किया। कोमल, खुशी, शिखा, इशिका, दीपिका, एश्वर्या, पायल प्रिया, अंजना कुमारी, स्वेता कुमारी दत्ता, विशुद्धानंद मिश्र और अर्चना ने कहा कि मंजूषा कला के परिधान पहनकर वे खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। इसके प्रचार प्रसार के लिए लगातार हमलोग लगे रहेंगे। मंजूषा को आधुनिकता के साथ आसानी से जोड़ा जा सकता है।
वहीं, इस शो में भागलपुर के रेशमी वस्त्रों पर हस्तशिल्प की कारीगरी भी नजर आई। घंटे भर तक चले इस फैशन शो को देखने शहर के प्रबुद्ध लोग पहुंचे थे। प्रशाल की पहली पंक्ति में बैठे शिवशंकर सिंह पारिजात, रमण सिन्हा, एनके झा, जिला उद्योग महाप्रबंधक रामशरण राम ने मंजूषा कलाकारों की खूब प्रशंसा की। उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि मंजूषा महोत्सव में पहली बार रैंप शो का आयोजन हुआ है। दैनिक जागरण के अभियान और सुझाव पर तीन दिनों के भीतर शो कराया गया। कम समय में सफल आयोजन को दर्शकों ने भी सराहा है।