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महोत्सव में मंजूषा पेंटिंग वाले वस्त्र पहन रैंप पर उतरेंगे युवा

मंजूषा महोत्सव में पहली बार शुक्रवार को रैंप शो का आयोजन होगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 02:15 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 02:15 AM (IST)
महोत्सव में मंजूषा पेंटिंग वाले वस्त्र पहन रैंप पर उतरेंगे युवा
महोत्सव में मंजूषा पेंटिंग वाले वस्त्र पहन रैंप पर उतरेंगे युवा

भागलपुर। मंजूषा महोत्सव में पहली बार शुक्रवार को रैंप शो का आयोजन होगा। मंजूषा पेंटिंग वाले वस्त्र पहनकर युवक-युवतियां व बच्चे रैंप पर उतरेंगे। दैनिक जागरण की पहल पर उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान ने इसकी तैयारी की है। ताकि मंजूषा कला से बने वस्त्रों का प्रचार प्रसार हो सके। मंजूषा कलस्टर के प्रभारी नसीम इकबाल ने बताया कि सात दिवसीय महोत्सव के समापन समारोह में निफ्ट की छात्र-छात्राएं मंजूषा वस्त्र पहनकर शामिल होंगे।

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विदेशों में होगी मंजूषा साड़ी की मांग, मिला आर्डर

मंजूषा महोत्सव के छठे दिन गुरुवार को आर्डर मिलने के बाद कलाकारों उत्साहित दिखे। मंजूषा कलाकार सुभाष ने बताया कि उन्हें दिल्ली के एक व्यापारी द्वारा 1000 मंजूषा साड़ी का आर्डर मिला है। व्यापारी ने बताया कि अब तक विदेशों में सिल्क साड़ी पर बनी मधुबनी पेंटिंग को बेचते हैं। मंजूषा कला से बनी साड़ियों को वे अपने विदेशी ग्राहकों तक पहुंचाएंगे। उनकी ई-कॉमर्स वेबसाइट भी है, जिस पर मंजूषा कला से बने कपड़ों की ब्रांडिंग करेंगे।

कलाकारों में आया निखार

उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के विपणन निरीक्षक अशोक कुमार ने गुरुवार को महोत्सव का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कलाकारों द्वारा बनाई जा रही पेंटिंग की बारीकियों में काफी निखार आया है। अगर इसी तरह कलाकार निरंतर प्रयास करते रहे तो निकट भविष्य में मंजूषा देश की सबसे लोकप्रिय कलाओं में से एक होगी। इस साल महोत्सव में उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

इतिहास के छात्रों ने देखी मंजूषा कला

गुरुवार को टीएमबीयू के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति व पुरातत्व विभाग के 250 से अधिक छात्र-छात्राओं ने मंजूषा कला का लाइव प्रदर्शन देखा। महोत्सव में लगे स्टॉल पर जाकर उत्पादों एवं कलाओं की जानकारी ली। विभागाध्यक्ष डॉ. बीएल. चौधरी, सहायक प्रो. दिनेश कुमार गुप्ता व डॉ. पवन शेखर के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं की पूरी टीम ने भाग लिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का दर्शकों ने लिया आनंद

महोत्सव में शाम छह बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। अंग हेरिटेज म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने गणेश वंदना से शुरूआत की। ग्रुप के सूफी गायक चेतन चौबे, गजेंद्र मिश्रा, आदिल खान, अंकित पांडेय ने एक बढ़कर एक गजल पेश किए। तबला वादक अनुमेह मिश्रा, बैंजो वादक राजू खान, पैड पर गौरव सोनी ने साथ दिया। मंच संचालन मनोज पंडित ने किया।

अंगिका में हुआ कवि सम्मेलन

शाम सात बजे से कवि सम्मेलन का आयोजन दिशा ग्रामीण विकास मंच द्वारा किया गया। इसमें कहीं पैमाना छलकेगा कहीं दीवाना मचलेगा, सरस्वती के साथे उल्लू पूजवै छौ, रे मंगला हंस कहीं नजरे न आवै छौ, धनी धरा पर द्वार तक बांटी लीहो भाय, प्रेम धरम नै बाटिहो आरू बाबू माय सहित कई हास्य कविताओं ने दर्शकों को एक घटे कवि सम्मेलन से बांधे रखा। मंच संचालन कवि राजकुमार ने किया। प्रीतम विश्वकर्मा, विजेता मुगदलपुरी, दिनेश बाबा तपन, सुधीर कुमार, हीरा प्रसाद हरेंद्र, सत्येंद्र विष्णु नन्हे सहित अन्य कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।


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