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मैंगो सिटी बनेगा भागलपुर, क्‍यों खास है जर्दालु आम, साल भर लोगों को रहता है इंतजार, चखकर कहेंगे - WOW

जर्दालु को मिलेगी मनरेगा की ताकत मैंगो सिटी बनेगा भागलपुर। 1.5 लाख जर्दालु आम के पौधे लगाए जाएंगे जिला की विभिन्न पंचायतों में। 12 यूनिट पौधे लगाए जाएंगे लगभग जिला की सभी पंचायतों में। 24 सौ पौधे विभिन्न पंचायतों में लगाने का है लक्ष्य।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 May 2022 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 03:41 PM (IST)
मैंगो सिटी बनेगा भागलपुर, क्‍यों खास है जर्दालु आम, साल भर लोगों को रहता है इंतजार, चखकर कहेंगे - WOW
भागलपुर का जर्दालु आम। जिसका स्‍वाद अमेजिंग।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जर्दालु आम भागलपुर की पहचान है। इसे जीआइ टैग हासिल है। अब भागलपुर को मैंगो सिटी बनाया जाएगा। जर्दालु आम काफी खास है। यहां की पहचान इस आम के कारण भी है। इस आम का स्‍वाद चखने के लिए लोगों को साल भर का इंतजार रहता है। 

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ऐसे में अब जिले में जर्दालु आम की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने मनरेगा योजना का सहारा लेने का निर्णय लिया है। 15 अक्टूबर तक जिले में मनरेगा योजना से पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। सामाजिक वानिकी योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में पौधारोपण कराने का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक पंचायत में 12 सौ यूनिट पौधे लगाए जाएंगे। एक पंचायत में कम से कम 24 सौ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

प्रखंडों को उपलब्ध कराए जा रहे पौधे

जिला में मनरेगा के सामाजिक वाणिकी योजना के तहत 1.5 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए जिला के सुल्तानगंज, कहलगांव, शाहकुंड, पीरपैंती, सन्हौला, गोराडीह आदि प्रखंडों को जर्दालु आम के पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं। जिला के प्रत्येक बड़े पंचायत में तीन यूनिट और छोटी पंचायतों में दो यूनिट पौधे लगाए जाएंगे।

15 से 25 कट्ठा जमीन रहने पर ही मिलेगा योजना का लाभ

अगर कोई किसान अपनी जमीन पर मनरेगा योजना से जर्दालु आम के पौधे लगाना चाहते हैं, तो उन्हें मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन करना होगा। योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास 15 से 25 क_ा जमीन होना चाहिए। अपनी जमीन पर मनरेगा योजना से जर्दालु आम के पौधे लगाने वाले किसानों को आम के पौधे के साथ ही पटवन के लिए चापाकल भी मुहैया कराए जाएंगे। वहीं, आम के पौधे की देखभाल के लिए किसानों को मनरेगा योजना से पारिश्रमिक का भुगतान (मजदूरी) भी किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन से जहां पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। वहीं, आम के पौधे के पेड़ में परिणत होने के बाद किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।


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