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मखाना उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के क्षेत्रिय अध्ययन केंद्र तथा विवि ग्रामीण अर्थशास्त्र एवं सहकारी प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय बेविनार मंगलवार को संपन्न हो गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 01:50 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:08 AM (IST)
मखाना उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत
मखाना उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के क्षेत्रिय अध्ययन केंद्र तथा विवि ग्रामीण अर्थशास्त्र एवं सहकारी प्रबंधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय बेविनार मंगलवार को संपन्न हो गया।

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वेबिनार में देशभर से करीब 95 वक्ताओं ने भाग लिया। वेबिनार में इंडियन कौंसिल ऑफ फिलॉसफिकल रिसर्च के अध्यक्ष प्रो. आरसी सिन्हा ने कहा कि आत्मनिर्भर के शिखर को प्राप्त करने के लिए प्राथमिक क्षेत्रों का चयन कर उसके चुनौतियों एवं संभावनाओं को देखते हुए उस तरह काम करने की आवश्यकता है। कृषि आíथक अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. रंजन कुमार ने कहा वोकल टू लोकल के परिप्रेक्ष्य में बिहार में मखाना उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत है। वेबिनार में विचार व्यक्त करने वालों में प्रो. उग्र मोहन झा, प्रो. परमानन्द सिंह, रामाशंकर सिंह सहित अन्य शामिल थे। इसके पूर्व स्वागत एवं विषय प्रवेश निदेशक, क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र प्रो. राघवेंद्र कुमार सिह, ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चन्द्र प्रकाश आजाद किया।


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