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Top Bhagalpur News of the day, 23th July 2019

Top Bhagalpur News of 23th July 2019। भागलपुर की टॉप Top Tree खबरें। ताजातरीन खबरों के लिए बने रहिए हमारे साथ।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 03:21 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jul 2019 04:31 PM (IST)
Top Bhagalpur News of the day, 23th July 2019
Top Bhagalpur News of the day, 23th July 2019

भागलपुर [जेएनएन]। 23th July 2019 को जिले की कुछ महत्‍वपूर्ण खबरें।

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गैस सिलिंडर विस्फोट

कहलगांव अनुमंडल क्षेत्र में एक घर में खाना बनाते समय गैस सिलिंडर फट गया। सिलिंडर फटने के बाद उसमें आग लग गई। जोरदार विस्‍फोट हो गया। विस्‍फोट सुनकर आसपास के लोग वहां जुट गए। इसी दौरान उस घर का बहुत बड़ा हिस्‍सा ध्‍वस्‍त हो गया। इस घटना एक युवक की मौत हो गई। कई के जख्‍मी होने की भी सूचना है। जानकारी के अनुसार रसलपुर थाना क्षेत्र के एकचारी पश्चिम टोला ठाकुरवाड़ी चौक के निकट मंगलवार सुबह गैस सिलेंडर पर विद्यासागर दास की पत्‍नी रेखा देवी खाना बना रही थी। विद्यासगार दास और वाल्मिकी दास दोनों भाई हैं। इसी घर में दोनों अपने परिजन के साथ रहते हैं। खाने बनाने के दौरान गैस सिलिंडर फट गया। भयंकर आवाज हुआ। वहां आए पंकज पंडित को फटे सिलिंडर का टुकड़ा लगा। जिससे वह मुर्छित हो गए। इसी दौरान उसके शरीर पर ग्रील टूटकर गिर गया। जिससे उसकी तत्‍काल मौत हो गई। मजदूर लखन पण्डित का पुत्र 40 वर्षीय पंकज पंडित की मौत से गांव में शोक की लहर है।

नीलम देवी बनीं सभापति

सुल्तानगंज नगर परिषद का सभापति नीलम देवी चुन ली गईं हैं। डीआरडीए सभागार में मंगलवार को हुए चुनाव में नीलम देवी ने पूर्व सभापति दयावती देवी को सात मतों से पराजित कर दिया। 24 पार्षदों ने चुनाव में हिस्सा लिया। जिसमें से 15 पार्षदों ने नीलम देवी के पक्ष में मतदान किया। जबकि दयावती देवी के पक्ष में मात्र आठ पार्षदों ने भरोसा जताया। एक मत रद हुआ। निर्वाची पदाधिकारी एडीएम (विभागीय जांच) मनोज कुमार ने नीलम देवी को विजयी घोषित कर दिया। डीडीसी सुनील कुमार पर्यवेक्षक थे। नीलम देवी के विजयी होने की घोषणा के कुछ देर बाद ही शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। नीलम देवी को शपथ दिलाकर नगर परिषद सुल्तानगंज का सभापति घोषित कर दिया गया। यह सीट अनारक्षित महिलाओं के लिए आरक्षित है।

सृजन घोटाला

सृजन घोटाला उजागर होने के बाद अब अफसरों को मातहत कर्मचारियों पर भरोसा नहीं रह गया है। खासतौर पर वित्त की जिम्मेदारी लिए कर्मचारियों पर विशेष नजर रखी जा रही है, जो सृजन घोटाले के समय विभाग में तैनात थे। यहीं नहीं वर्तमान में भी जिन लोगों के पास वित्तीय अधिकार है उन पर भी नजर रखी जा रही है। सृजन घोटाला उजागर होने के बाद अब सरकारी खजाने में सेंध न लगे इसके लिए पूरी कवायद की जा रही है। इसके लिए स्थानीय स्तर पर टीम गठित की गई है। ताकि डीआरडीए की राशि के गबन में शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों की पहचान की जा सके। हालांकि, सृजन घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है, लेकिन सरकार के निर्देश के बाद विभाग ने भी अपने सभी कील कांटों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है। सृजन घोटाले का पर्दाफाश हुआ तब घोटाले का आकार करीब 1900 करोड़ रुपये था। जांच के क्रम में पता चला कि सृजन के खाते से कई विभागों को राशि लौटाई भी गई।


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