धन्नासेठों और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली है केंद्र सरकार : भक्त चरण दास
नाथनगर (भागलपुर)। चालीस किसान संगठन बीते तीन माह से देश की राजधानी दिल्ली में कृषि कानून क
नाथनगर (भागलपुर)। चालीस किसान संगठन बीते तीन माह से देश की राजधानी दिल्ली में कृषि कानून को रद करने की मांग को लेकर धरना पर बैठे हुए हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान करने के बदले केंद्र सरकार उनपर लाठी-डंडे और पानी की बौछारों से डराती है। वह अपने मित्र अडानी और अंबानी जैसै बड़े धन्नासेठों और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है, लेकिन उसका ये सपना कांग्रेस कभी भी साकार नहीं होने देगी। ये बातें बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने कहीं। वह नाथनगर प्रखंड की बेलखुरिया पंचायत में कांग्रेस की ओर से आयोजित किसान महापंचायत में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि शायद इस निरंकुश सरकार को पता नहीं है कि जो धरना पर बैठे हैं वह किसान हैं। वे बंजर भूमि में भी अपनी लगन और मेहनत से फसल उगा लेते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मोदी कहते हैं कि मेरी सुनो नहीं तो मैं नहीं सुनूंगा। वे सिर्फ झूठ पर झूठ बोलते गए और जनता मानती गई, लेकिन आज किसानों ने मानने से इनकार कर दिया तो तीन माह से लाखों किसानों को सड़क पर छोड़ दिया। उन्होंने सभी किसानों से केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने की अपील की।
बिहार कांग्रेस दल के नेता सह नगर विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने आजादी के समय से ही देश को सींचने का काम किया। पिछले 70 साल में कांग्रेस ने देश को सिर्फ आगे बढ़ाने का काम किया है, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार सिर्फ झूठ बोलकर आम जनता को ठगने का काम किया है। पिछले छह साल में देश की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य की व्यवस्था एक दम चौपट हो गई। युवा हताश होकर आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इस तानाशाही वाली सरकार को आम जनता के सहयोग से अब उखाड़ फेंकने की जरूरत है।
वहीं, बिहार कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह कुशवाहा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के तीनों काले कानून देश के किसानों के हितों के खिलाफ है और यह कानून देश को गुलामी की ओर ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के इस काले कानून का भुक्तभोगी वर्षो पहले ही बिहार के किसान हो चुके हैं। एनडीए सरकार ने वर्ष 2006 में अनाज मंडी कानून खत्म कर दिया था। इसका दुष्परिणाम यह हुआ है कि खुद केंद्र की मोदी सरकार की संस्था नाबार्ड की रिपोर्ट बताती है कि पूरे देश में सबसे बदतर स्थिति बिहार के किसानों की है।
महापंचायत को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, अनिल शर्मा, चंदन यादव, गुंजन पटेल, अमिताभ हुसैन, राजद नेत्री राबिया खातुन, अनिल शर्मा आदि नेताओं ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अलीम अंसारी, पवन यादव, उमर ताज, अभिषेक आनंद, मकसूद अनवर समेत सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद थे।