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90 फीसद घटी चीनी सामान की बिक्री, पांच करोड़ का माल डंप

गलवन घाटी में चीन से खूनी झड़प के बाद लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा उबाल पर है। इसका सीधा असर चीन के उत्पादों पर पड़ा है। लोगों ने चीनी सामान का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:38 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 10:38 PM (IST)
90 फीसद घटी चीनी सामान की बिक्री, पांच करोड़ का माल डंप
90 फीसद घटी चीनी सामान की बिक्री, पांच करोड़ का माल डंप

भागलपुर [रजनीश]। गलवन घाटी में चीन से खूनी झड़प के बाद लोगों में चीन के खिलाफ गुस्सा उबाल पर है। इसका सीधा असर चीन के उत्पादों पर पड़ा है। लोगों ने चीनी सामान का बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। दो सप्ताह से शहर में चीनी सामान की बिक्री घटकर महज 10 फीसद रह गई है।

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अभी भागलपुर में बाजार में चार से पांच करोड़ का चीनी सामान सिर्फ डंप है। दुकानदार बताते हैं कि लोग अब चाइनीज सामान खरीदना नहीं चाहते हैं। बिक्री कम होने से शहर में चीन के उत्पाद बेचने वाले करीब सौ दुकानदारों की कमर टूट गई है। वर्षों से चीन निर्मित उत्पाद को बेचकर अपना और परिवार का भरण पोषण कर रहे थे। कुछ दुकानदार तो दूसरे धंधे करने की सोच रहे हैं तो कई दुकानदार करोड़ों का डंप चाइनीज सामान कैसे निकलेगा यह सोचकर घबरा रहे हैं।

दरअसल, भागलपुर शहर में चीनी सामानों की बिक्री दो मार्केट में होती है। सौ के करीब लोग वर्षों से इस धंधे में जुड़े हैं। लॉकडाउन से पहले यहां हर महीने 35 से 40 लाख रुपये के चाइनीज उत्पाद की बिक्री होती है। लगन और दीवाली के समय बिक्री बढ़ जाती है। लॉकडाउन के बाद अनलॉक-एक मे दुकानें खुलीं तो ग्राहकों की संख्या कुछ कम हुई, लेकिन जून में गलवन घाटी में चीन-भारत के बीच संघर्ष के बाद लोगों ने चीन उत्पाद से मुंह ही मोड़ लिया। माल फंसने की चिता से बढ़ा टेंशन

मार्च से पहले और अनलॉक एक मे भी चीन उत्पाद बेचने वाले दुकानदार सामान की आपूर्ति कोलकाता और दिल्ली से की थी। ऐसे में सवाल यह भी है कि जो लोग पहले से चीन के समान को अपने दुकान में रखे है उनका क्या होगा, जो लोग लाखों रुपये लगाकर अपना कारोबार तैयार किए है। शहर के चाइना मार्केट, शाह मार्केट, तातारपुर, नाथनगर, तिलकामांझी एक ऐसा मार्केट है जहां छोटे मोट कारोबारी अपनी दुकान चलाते है और अपने दुकान में लाखों रुपये के चाइनीज समान रखते हैं। चीन में बने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का हब है, यहां पिछले दिनों बिक्री में गिरावट आई है। चाइनीज प्रोडक्ट्स के बहिष्कार से कारोबारी परेशान हैं, लॉकडाउन के बाद उपजी मंदी से ये कहना मुश्किल है यहां के दुकानदारों के पास अभी भी चाइनीज सामान भरे पड़े हैं और बिक्री कम हो रही है। और न्यू मार्केट बन गया चाइना मार्केट

शहर के स्टेशन और बाटा गली के पास चाइना मार्केट से प्रसिद्ध इस मार्केट का वास्तविक नाम न्यू मार्केट है। इस मार्केट में करीब तीन दर्जन दुकानदार चीनी उत्पादों को 15 से 20 वर्ष से बेच रहे हैं। इस वजह से लोग इसे चाइना मार्केट कहने लगे। वर्तमान में इस मार्केट की हालत काफी खस्ता हो गई है। खिलौने और पुश बैक वाहन बढ़ा रही शोभा

दुकानदार मु. चिराग, मनोज शाह, सनीम भाई, वासिफ, राजेश और विनोद कुमार का कहना है कि चीनी सामानों की बिक्री पूरी तरह ठप हो गई है। हेलीकॉप्टर, ट्रेन, बुलेट ट्रेन, गन, शार्प गन, कार जैसे कई खिलौने दुकानों की शोभा बढ़ा रही हैं। मु. चिराग ने बताया कि लॉकडाउन से पहले एक दुकान में 30 से 35 हजार की बिक्री हर दिन होती थी। अब दो से तीन हजार की बिक्री नहीं हो रही है। चीनी सामानों का बहिष्कार का सभी दुकानदार समर्थन करते हैं। भारत में भी सस्ते सामानों का निर्माण हो ताकि हम लोग का रोजगार चलता रहे। चाइनीज मोबाइल की खूब डिमांड

भागलपुर में करीब तीन दर्जन दुकानों में चीन में निर्मित मोबाइल बिकते हैं। यहां की दुकानों में कई रेंज के मोबाइल हैं। हर माह पांच से छह करोड़ के मोबाइल की बिक्री होती है। मोबाइल दुकानदार शशिकांत गोस्वामी और अजित कुमार बंटी ने बताया की अनलॉक एक मे सिर्फ सात करोड़ के मोबाइल की बिक्री हुई है। इसमें ज्यादातर चीन में बने मोबाइल हैं। अभी बाजार में आठ से 15 हजार कीमत वाले मोबाइल आउट ऑफ स्टॉक है।


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