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21 अप्रैल से आरामदायक हो जाएगा एलटीटी एक्सप्रेस ट्रेन, जानिए वजह

एलएचबी कोच लगने के बाद सभी श्रेणियों के कोच में बर्थ बढ़ेगी। इसमें स्लीपर में 81 एसी थ्री में 72 एसी टू में 64 और जनरल में 106 सीटें हो जाएगी। ट्रेन का अधिकतम रफ्तार तेज होगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 12:29 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 04:22 PM (IST)
21 अप्रैल से आरामदायक हो जाएगा एलटीटी एक्सप्रेस ट्रेन, जानिए वजह
21 अप्रैल से आरामदायक हो जाएगा एलटीटी एक्सप्रेस ट्रेन, जानिए वजह

भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल (मुंबई) के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या 12335/36 एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस का सफर 21 अप्रैल से और आरामदायक हो जाएगा। अगले रविवार से इस ट्रेन का परिचालन एलएचबी (लिंक हॉफमेन बुश) रैक से किया जाएगा। रेलवे ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। कोच बदलने का नोटिफिकेशन आचार संहिता से पहले ही जारी हुआ था। भागलपुर एलएचबी की 22 में से 16 बोगियां पहुंच गई हैं। दो से तीन के अंदर छह और कोच आ जाएंगे। ट्रेन में चार साधारण, तीन एसी थ्री, दो एसी थ्री, और दो जनरेटर यान होंगे। अभी बोगियों को सबौर में रखा गया है।

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दरअसल, अभी भागलपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल (मुंबई) के बीच इस ट्रेन का परिचालन आइसीएफ कोच (नीले रंग) से हो रही है। भागलपुर-किऊलरूट पर एलएचबी कोच का प्रयोग अभी अंग एक्सप्रेस, कामख्या-गया, नई दिल्ली साप्ताहिक, अजमेर और विक्रमशिला सुपरफास्ट में किया जा रहा है। उच्च स्तरीय तकनीक से लैस इस कोच में बेहतर शॉक एक्जावर का उपयोग होता है। इसलिए यात्रा काफी सुखद और आरामदायक होता है।

रफ्तार के साथ सीटें भी बढ़ेंगी

एलएचबी कोच लगने के बाद सभी श्रेणियों के कोच में बर्थ बढ़ेगी। इसमें स्लीपर में 81, एसी थ्री में 72, एसी टू में 64 और जनरल में 106 सीटें हो जाएगी। साथ ही ट्रेन का अधिकतम रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे की जगह 140 किमी हो जाएगी।

स्प्रीट एसी से मिलेगी राहत

एलएचबी के एसी कोचों में अच्छी एयरकंडीशनिंग होने के साथ हयूमिडिटी कंट्रोल की भी व्यवस्था है। इस ट्रेन में कूलिंग बेहतर रहता है। इसके एसी कोच में पंखा नहीं होता है। शौचालय में एग्जॉस्ट की व्यवस्था रहती है।

कोच के खासियत और फायदे

-एलएचबी कोच पुराने कंवेशनल कोच से काफी अलग होते हैं। ये उच्च स्तरीय तकनीक से लैस है। पटरियों पर दौड़ते वक्त अंदर बैठे यात्रियों को ट्रेन चलने की आवाज बहुत धीमी सुनाई देती है।

-कोच स्टेनलेस स्टील और एल्यूमीनियम से बने होते हैं। जिससे कि यह कोच पहले की तुलना में हल्काहोता हैं।

-इन कोचों में डिस्क ब्रेक कम समय व कम दूरी में अच्छे ढंग से पकड़ता है। शॉक-एक्जावर की वजह से झटकों का अनुभव कम होगा।

-सीबीसी कपलिंग तकनीक के कारण हादसे में दुर्घटना की संभावना कम होती है। दुर्घटना होने के पर भी बोगियां एक-दूसरे पर नहीं चढ़ती है।

मुख्य बातें

-एलएचबी रैक से चलने वाली पांचवीं ट्रेन बनी लोकमान्य सुपरफास्ट, बढ़ेगी ट्रेन की रफ्तार

-बढ़ेगी जनरल, स्लीपर, एसी थ्री और एसी टू में सीटों की संख्या

-22 कोच की होगी ट्रेन

-16 कोच पहुंचा भागलपुर जंक्शन

-06 कोच एक से दो दिनों में आएगी

-03 एसी थ्री कोच लगेगा

-02 एसी टू कोच होगी

-11 स्लीपर की रहेगी बोगियां

-04 जनरल क्लास की


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