Bhagalpur LS Seat : परिसीमन आयोग की बैठक का गवाह बना था भागलपुर
गोपालपुर और बिहपुर को खगडिय़ा से काटकर भागलपुर में शामिल किया गया था। पूर्व में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में गोड्डा जिले का महगामा और बांका का धोरैया भी रहा है।
भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]। भारत निर्वाचन आयोग प्रत्येक 30 वर्षों पर आवश्यकतानुसार आबादी, क्षेत्र और भौगोलिक दृष्टि से लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्गठन करता है। 2009 के चुनाव में धोरैया और सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र को भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से काटकर इसमें बिहपुर और गोपालपुर को शामिल किया गया। पहले ये दोनों विधानसभा क्षेत्र खगडिय़ा लोकसभा का अंग था। क्षेत्रों का नए सिरे से निर्धारण के लिए भागलपुर में पहली बार परिसीमन आयोग की बैठक भारत निर्वाचन आयोग के तत्कालीन आयुक्त एन. गोपालस्वामी की अध्यक्षता में जुलाई 2007 में अंग सांस्कृतिक भवन में हुई थी।
बैठक में बिहार के अधिकांश सीटों के फिर से निर्धारण या नए सिरे से गठन का सुझाव आयोग को प्राप्त हुआ था। बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने क्षेत्रों के परिसीमन पर पक्ष-विपक्ष में अपनी राय दी थी। राय प्राप्त करने के बाद आयोग ने करीब साल भर तक अभ्यास किया था। इसके बाद आज का जो क्षेत्र है, वह अस्तित्व में आया। आयोग ने कई लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों के नाम भी बदले थे। परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद ही सुपौल लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया और सहरसा का अस्तित्व खत्म हो गया। जमुई लोकसभा क्षेत्र का भी फिर से जन्म परिसीमन आयोग की सिफारिश पर 2008 में हुआ और यहां अस्तित्व में आने के बाद 2009 में चुनाव हुआ।
परिसीमन आयोग की अनुशंसा पर वर्तमान भागलपुर लोकसभा क्षेत्र गठित है। गोपालपुर और बिहपुर को खगडिय़ा से काटकर भागलपुर में शामिल किया गया था। पूर्व में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में गोड्डा जिले का महगामा और बांका का धोरैया भी रहा है। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद प्रशासनिक दृष्टिकोण से महागामा को अलग कर गोड्डा में मिला दिया गया। एक समय देवघर विधानसभा क्षेत्र बांका लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था। अलग राज्य बनने के बाद देवघर को अलग कर गोड्डा में मिला दिया गया। गोपालपुर और बिहपुर के भागलपुर में शामिल होने के बाद सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र बांका में चला गया। परिसीमन आयोग की बैठक में सदस्य के रुप में पटना के सांसद राम कृपाल यादव और कटिहार के निखिल चौधरी भी सदस्य थे। 2008 में आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद लोकसभा का चुनाव 2009 में तथा विधानसभा का चुनाव 2010 में हुआ था।