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लोहिया पुल बना खतरनाक, लेकिन... इसका दुरुस्तीकरण अभी संभव नहीं

लोहिया पुल वर्ष 2006 में चालू हुआ। लेकिन इस पुल का बारह सालों तक रखरखाव नहीं हुआ। रेलवे पथ निर्माण विभाग और पुल निर्माण निगम एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे थे।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 02:56 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 03:37 PM (IST)
लोहिया पुल बना खतरनाक, लेकिन... इसका दुरुस्तीकरण अभी संभव नहीं
लोहिया पुल बना खतरनाक, लेकिन... इसका दुरुस्तीकरण अभी संभव नहीं

भागलपुर [जेएनएन]। जर्जर लोहिया पुल का दुरुस्तीकरण अब लोकसभा चुनाव के बाद ही होगा। अगस्त-सितंबर से पहले दुरुस्तीकरण संभव नहीं है।

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लोहिया पुल वर्ष 2006 में चालू हुआ। लेकिन इस पुल का बारह सालों तक रखरखाव नहीं हुआ। रेलवे, पथ निर्माण विभाग और पुल निर्माण निगम एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे थे। दो साल पूर्व इस पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी एनएच-80 को सौंपी गई थी। दुरुस्तीकरण के लिए एनएच विभाग द्वारा 85 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया। सात-आठ बार टेंडर भी किया गया।

लेकिन टेंडर फाइनल नहीं हुआ। रखरखाव के अभाव में इस पुल की अस्थि-पंजर हिल चुका है। सड़क जर्जर हो चुकी है। एक्सपेंशन ज्वाइंट खराब हो चुका है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने लोहिया सेतु के रखरखाव की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी को सौंपा। इस पुल के दुरुस्तीकरण में 85 लाख रुपये खर्च होंगे।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार भागलपुर-हसडीहा सड़क को एनएच का दर्जा मिल गया है। इसलिए अब लोहिया पुल भी एनएच में शामिल होने की उम्मीद है।

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामसकल सिंह ने कहा कि आचार संहिता के कारण टेंडर नहीं किया जा सकता है। फिलहाल सड़क की मरम्मत कर चलने लायक बनाया जाएगा।


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