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धुरी यादव हत्याकांड : स्थानीय गुर्गों की अजय मिश्रा ने ली थी मदद Bhagalpur News

बदमाशों ने 4 नवंबर 2019 की शाम करीब छह बजे धुरी यादव को गोली मारी। जिस समय उन्हें गोली मारी गई कई लोगों वहां मौजूद थे। धुरी यादव की हत्या का कारण पुरानी रंजिश और जमीन विवाद है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 11:22 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 11:22 AM (IST)
धुरी यादव हत्याकांड : स्थानीय गुर्गों की अजय मिश्रा ने ली थी मदद Bhagalpur News
धुरी यादव हत्याकांड : स्थानीय गुर्गों की अजय मिश्रा ने ली थी मदद Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। चार नवंबर को उर्दू बाजार में चिरंजीवी उर्फ धुरी यादव की हत्या में अजय मिश्रा ने अपने स्थानीय गुर्गों की मदद ली थी। भाड़े के शूटरों को इलाके की रेकी कराना आदि का काम मिकाइल कर रहा था। वह कुख्यात अजय का खास है।

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पुलिस की तकनीकी जांच में जानकारी मिली है कि धुरी को मारने से पूर्व उसने सीमा कुमारी समेत कई से बातचीत की थी। चार नवंबर को अजय मिश्रा ने सीमा कुमारी से करीब तीन बजे फोन पर बातचीत की थी। तीन नवंबर से लेकर हत्या के पहले तक सीमा ने अजय से करीब छह बार बात की थी।

चंपानगर के संजय की सिम का अजय ने किया था उपयोग

पुलिस को तकनीकी जांच में पता चला कि जिस सिम का उपयोग अजय मिश्रा कर रहा था, वह दूसरे के नाम पर था। जांच में पता चला कि सिम चंपानगर के कोशकीनाथ झा लेन निवासी संजय कुमार मंडल के नाम से है। उसके पिता चमकलाल मंडल की कुछ वर्ष पूर्व हत्या हो गई है। पुलिस ने संजय मंडल को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन जांच के बाद उसे बांड पर धुरी हत्याकांड में संलिपप्तता नहीं होने के कारण छोड़ दिया गया।

हत्या के बाद सुमन के साथ सीमा ने की है लंबी बात

धुरी यादव की हत्या की जानकार आग की तरह इलाके में फैल गई। इसी बीच शाम में राजा राम सिंह के साला सुमन कुमार और सीमा के बीच कई बार लंबी बातचीत हुई है। वे लोग धुरी की हत्या की बात एक दूसरे को बताकर संतुष्ट होना चाह रहे थे। सुमन के नंबर से सीमा कुमारी लगातार अजय मिश्रा के साथ बातचीत कर रही थी। इसके अलावा सुमन खुद भी अपने नंबर से अजय मिश्रा के संपर्क में था।

पिता के नाम से उपयोग करता है सिम

पुलिस को तकनीकी जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। इस घटना में लाइनर की भूमिका निभाने वाले फरार मु. सोनम भी अजय मिश्रा से लगातार संपर्क में था। पांच नवंबर को भी अजय और सोनम के बीच लंबी बातचीत हुई। सोनम जिस सिम का उपयोग कर रहा था, वह उसके पिता मु. शमशुल इस्लाम के नाम से है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सोनम बांका जिले में शराब मामले को लेकर गिरफ्तार हुआ था। उसका अन्य आपराधिक इतिहास पुलिस खंगाल रही है।

मिकाइल और टिंकू मियां भी थे संपर्क में

जांच में पता चला है कि घटना करने के पूर्व अजय मिश्रा लगातार अपने गुर्गों से मोबाइल पर संपर्क में था। मु. निसार उर्फ मिकाइल और टिंकू मियां लगातार अजय से बात कर रहा था। युवा शक्ति के प्रदेश महासचिव उर्दू बाजार निवासी राजकुमार यादव ने भी घटना के दिन और उसके एक दिन पूर्व सीमा से बातचीत की थी।

अभिमन्यु व राजा राम सिंह ने जेल से रची थी धुरी की हत्या की साजिश

चार नवंबर को उर्दू बाजार में चिरंजीवी उर्फ धुरी यादव की हत्या की पूरी साजिश जेल में रची गई। जेल में बंद उर्दू बाजार के राजाराम सिंह और अभिमन्यु सिंह इसका मास्टरमाइंड हैं।

दोनों ने अपनी बहन सीमा कुमारी के माध्यम से धुरी के विरोधियों को एकजुट किया। इसके बाद सीमा से ही कुख्यात अजय मिश्रा से संपर्क कराया। पुलिस की जांच में इस बात की जानकारी मिली है। पूर्व में भी उर्दू बाजार में राजकुमार उर्फ छोटू मंडल के घर बमबाजी में जेल में बंद उक्त दोनों भाइयों का नाम सामने आया था।

सुमन के फोन से अजय मिश्रा के साथ बात करती थी सीमा

पुलिस को जांच में पता चला है कि सीमा कुमारी अपने भाई राजाराम सिंह के साले सुमन के मोबाइल से कुख्यात अजय मिश्रा से बात करती थी। वहीं, सुमन ने भी जेल जाने से पूर्व इस बात का कुबूल किया है। धुरी की हत्या में शामिल सभी बदमाशों की बैठक सीमा अपने घर में कराती थी। इसमें युवा शक्ति का प्रदेश महासचिव राजकुमार यादव, सूरज यादव, बिरजू यादव, मु. सोनम, मिकाइल, टिंकू मियां, किशोर यादव समेत अन्य अक्सर शामिल रहता था। वहीं से वे लोग कुख्यात अजय मिश्रा के निर्देशानुसार लोगों से संपर्क करते थे।

धुरी की मौत के बाद सुमन ने अजय को दी जानकारी

पुलिस की तनकीकी जांच में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी है। गोली लगने से घायल धुरी यादव की मौत की जानकारी सीमा ने शाम करीब 6.00 बजे सुमन को फोन कर दी। जानकारी मिलते ही सुमन ने अजय मिश्रा को शाम करीब 7.00 बजे धुरी की मौत के बारे में बताया। सूचना मिलने के बाद अजय मिश्रा ने सुमन को मोबाइल पर दोबारा फोन करने से मना कर दिया। सुमन ने पुलिस को बताया कि सारी तैयारी हो जाने के बाद वह घटना के दिन चार नवंबर को डर से उर्दू बाजार से अपने घर मुंगेर के लिए निकल गया था। धुरी की हत्या के बाद भी उसने सीमा से कई बार बात की थी।

एक छात्र नेत्री की भी भूमिका संदिग्ध

धुरी यादव हत्याकांड में कई लोगों की भूमिका अब भी संदिग्ध बनी हुई है। इसमें से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्होंने जमीन विवाद में धुरी के विरुद्ध सीमा कुमारी का साथ दिया था। इसमें एक छात्र नेत्री की भूमिका भी पुलिस संदिग्ध मान रही है। जब सीमा और धुरी यादव के बीच भूमि विवाद चल रहा था, उस समय सीमा लोगों की सांत्वना पाने के लिए आंदोलन कर रही थी। इसमें उसका साथ राजकुमार यादव, छात्र नेत्री समेत अन्य लोगों ने दिया था। पुलिस उक्त छात्र नेत्री की भूमिका भी मामले में संदिग्ध मान रही है। पुलिस उससे भी पूछताछ कर सकती है। असल में छात्र नेत्री और आरोपित राज कुमार यादव के बीच मधुर संबंध हैं। वे लोग एक साथ धरना, प्रदर्शन समेत अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे।


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