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नारी सशक्तिकरण : महिला समूहों का होगा आर्थिक उत्थान, जानिए... कैसे बैंक बनेगा मददगार

शहर में नारी सशक्तिकरण के साथ आर्थिक उत्थान को लेकर नगर निगम ने कार्ययोजना बनाई है। ताकि महिलाएं स्वरोजगार की दिशा में खुद आत्मनिर्भर बन सकेगी। इसके लिए बैंक सहयोग करेगी।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 05:03 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 05:03 PM (IST)
नारी सशक्तिकरण : महिला समूहों का होगा आर्थिक उत्थान, जानिए... कैसे बैंक बनेगा मददगार
नारी सशक्तिकरण : महिला समूहों का होगा आर्थिक उत्थान, जानिए... कैसे बैंक बनेगा मददगार

भागलपुर (जेएनएन)। शहर में नारी सशक्तिकरण के साथ आर्थिक उत्थान को लेकर नगर निगम ने कार्ययोजना बनाई है। ताकि महिलाएं स्वरोजगार की दिशा में खुद आत्मनिर्भर बन सकेगी। नगर निगम क्षेत्र में दीन दयाल उपाध्याय शहरी आजीविका मिशन द्वारा गठित स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए बैंक से आर्थिक मदद मिलेगी। इसके लिए नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने 20 अक्टूबर को कैनरा बैंक के शाखा प्रबंधक को ऋण उपलब्ध कराने को कहा है। बैंक को 40 समूहों की सूची नगर आयुक्त के निर्देश पर भेजी गई है।

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बैंक प्रबंधक ने प्रति समूह को एक लाख रुपये कैश क्रेडिट ऋण देने की सहमती दी है। बैंक के शर्तो के आधार महिला समूहों का खाता बैंक में खोला जा रहा है। डे-एनयूएलएम के समन्वयक अमरेंद्र कुमार और मृत्युंजय सिन्हा ने बताया कि गुरुवार तक 25 समूहों का खाता खोला जा चुका है। दीवाली के बाद ऋण देने की प्रकिया बैंक द्वारा शुरू होगा। पहले चरण में प्रायोगिक तौर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। व्यवसाय और बैंक से लेनदेन बढ़ता चला गया तो स्वरोजगार के लिए ऋण राशि में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।

व्यवसाय को देख पांच लाख तक का ऋण मिल सकता है। शहर में 557 समूह है लेकिन बेहतर प्रदर्शन करने वाले 40 महिला समूहों का चयन किया गया है। इससे पूर्व नगर निगम द्वारा 340 समूहों का ही 10 हजार की चक्रचलित राशि उपलब्ध कराई गई थी। जबकि एक समूह में 10 महिलाएं होती है। इतनी कम राशि में प्रति महिला सदस्य को एक हजार ही मिल पाता था। जिससे स्वरोजगार की सोच मुकाम तक नहीं पहुंच पाती थी। अब अगर एक लाख की राशि मिलेगी तो प्रति महिला सदस्य को 10 हजार रुपये के ऋण का लाभ मिल सकेगा। इससे महाजन से कर्ज लेने से छुटकारा मिल जाएगा। उक्त राशि से महिलाएं पापड़, अचार, सब्जी विक्रेता, किराना दुकान, सिलाई, कढ़ाई और गुडिय़ा बनाने आदि कार्य कर सकेंगी।


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