टीएनबी लॉ कॉलेज में लटक जाएगा ताला
भागलपुर। अब टीएनबी लॉ कॉलेज में ताला लटक जाएगा। शिक्षकों की कमी के कारण बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉल
भागलपुर। अब टीएनबी लॉ कॉलेज में ताला लटक जाएगा। शिक्षकों की कमी के कारण बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉलेज को मान्यता देने से इन्कार कर दिया है। काउंसिल ने स्पष्ट कर दिया है कि बिना शिक्षक के लॉ की पढ़ाई नहीं हो सकती है, इसलिए कॉलेज को मान्यता नहीं दी जा सकती है। उधर, कॉलेज में छात्रों के अनशन को देखते हुए डीएम ने मामले का संज्ञान लेते हुए सूबे के प्रधान सचिव से बात की। प्रधान सचिव ने विस्तृत जानकारी मांगी है। कॉलेज ने पूरी जानकारी डीएम को उपलब्ध करा दी है।
टीएनबी लॉ कॉलेज में 10 फुल टाइम और आठ पार्ट टाइम शिक्षकों की आवश्यकता है। लेकिन वर्तमान समय में प्राचार्य सहित तीन ही फुल टाइम शिक्षक हैं। वहीं प्राचार्य डॉ. एसके पांडेय इसी महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। डॉ. संजीव कुमार सिन्हा और डॉ. धीरज कुमार मिश्रा की नियुक्ति 2008 में कुलपति डॉ. प्रेमा झा के समय हुई थी जबकि पार्ट टाइम शिक्षक के रूप में राम कुमार मिश्र और संजय कुमार संजय कार्यरत हैं। हालांकि बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन से टीएनबी लॉ कॉलेज के लिए दो शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है जो दस दिनों के अंदर योगदान दे सकते हैं। अगर दो नवनियुक्त शिक्षकों ने कॉलेज में योगदान दे दिया तो फुल टाइम शिक्षकों की संख्या चार हो जाएगी, इसके बावजूद छह शिक्षकों की कमी रह जाएगी।
काउंसिल के सदस्यों ने शिक्षकों की कमी को लेकर चिंता जताई थी
शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सत्र 2017-18 की पढ़ाई के लिए प्रोविजनल मान्यता इस शर्त पर दी थी कि अगले सत्र के लिए शिक्षकों की व्यवस्था कर ली जाए। इसके पूर्व पिछले वर्ष काउंसिल के सदस्यों ने कॉलेज के निरीक्षण के क्रम शिक्षकों की कमी को लेकर चिंता जताई थी और शिक्षकों की कमी को पूरा करने का निर्देश दिया था। हालांकि विवि प्रशासन शिक्षकों की बहाली के लिए कई बार राज्य सरकार से अनुरोध कर चुका है। जबतक शिक्षकों की कमी दूर नहीं होगी, काउंसिल कॉलेज को मान्यता नहीं देगा। इस कारण कॉलेज में ताला लटकना संभव है।
एसडीओ ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया
उधर, शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष रवि कुशवाहा और कोषाध्यक्ष सुदर्शन कुमार पिछले तीन दिनों से अनशन कर रहे थे। बुधवार को सदर एसडीओ अनशन तोड़वाने पहुंचे। छात्रों ने डीएम से मिलने की बात कहकर अनशन तोड़ने से इन्कार कर दिया। डीएम प्राचार्य सहित पांच छात्रों को बुलाया। छात्रों की बात सुनने के बाद डीएम ने प्रधान सचिव से बात की। प्रधान सचिव ने पूरी जानकारी देने की मांग की। डीएम ने कॉलेज की मान्यता से संबंधित पूरी जानकारी प्राचार्य से मांगी। प्राचार्य ने दो पन्ने में पूरी जानकारी डीएम को दी। डीएम ने प्रधान सचिव को पत्र भेज दिया है। प्रधान सचिव ने शिक्षकों की कमी को दूर करने का भरोसा दिया है। इसके बाद दोनों ही छात्र को एसडीओ और डीएसपी ने जूस पिलाकर अनशन तोड़वाया। इसके बाद अनशन कर रहे छात्रों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें जेएलएनएमसीएच के पेइंग वार्ड में बुधवार को भर्ती किया गया। भर्ती छात्रों में रवि कुमार और सुदर्शन कुमार शामिल हैं। डॉ. ओवेद अली ने बताया कि दोनों छात्रों की स्थिति सामान्य है। उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी। छात्रों को स्लाइन चढ़ाया गया।