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बिहार में थानों की हो गई चोरी, अब फरियादी बन भटक रही पुलिस

भागलपुर जिले के नवगछिया के दो थाने की जमीन चोरी हो गई है और जमीन की आवंटित राशि का भी हिसाब किताब नहीं मिल रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 10:23 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jan 2018 09:52 PM (IST)
बिहार में थानों की हो गई चोरी, अब फरियादी बन भटक रही पुलिस
बिहार में थानों की हो गई चोरी, अब फरियादी बन भटक रही पुलिस

भागलपुर [धीरज कुमार]। जिस थाने में लोग चोरी-डकैती की फरियाद लेकर जाते हैं, उसी की जमीन ही गायब हो गई। वह भी एक-दो नहीं बल्कि चार थानों की। अब खुद पुलिस फरियादी बनकर पिछले सात सालों से इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा रही है।

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असल में, पुलिस जिला नवगछिया के दो थाने खरीक और ढोलबज्जा तथा दो सहायक थाने झंडापुर और कदवा के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाना था। इसके लिए भू-अर्जन विभाग को 18 लाख रुपये का आवंटन दिया गया था। लेकिन, सात सालों में न जमीन मिली और ना ही उस रुपये का कोई हिसाब-किताब मिल रहा है।

एसपी ने जमीन अधिग्रहण के लिए भू-अर्जन विभाग को लिखा था

2010 में नवगछिया के तत्कालीन एसपी ने पुलिस जिला नवगछिया के चार थाना भवन के लिए जमीन मुहैया कराने को भू-अर्जन विभाग को पत्र लिखा था। भू-अर्जन विभाग ने एक प्राक्कलन बनाकर नवगछिया एसपी को सौंपते हुए जमीन अधिग्रहण के लिए राशि की मांग की।

एसपी ने उक्त प्राक्कलन को पटना पुलिस मुख्यालय भेज राशि की मांग की। वहां से जमीन अधिग्रहण के लिए एसपी को 18 लाख पांच हजार पचास रुपये का भुगतान बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से कर दिया गया।

एसपी ने उक्त राशि भू-अर्जन विभाग को स्थानांतरित कर दिया। लेकिन, आजतक भू-अर्जन विभाग द्वारा न तो जमीन का अधिग्रहण किया गया और ना ही राशि का कोई हिसाब-किताब मिल रहा है। एक थाना भवन के लिए लगभग 58 डिसमिल जमीन उपलब्ध कराने को कहा गया था।

भाड़े के मकान या पंचायत भवन में चल रहे थाने 

खरीक में एक एकड़ जमीन के लिए तीन लाख 76 हजार रुपये का भुगतान किया गया था। शुरुआत यहां बिहार सरकार की ही निश्शुल्क जमीन मिल गई थी। लेकिन बाद में विवाद खड़ा हो गया। इस कारण जमीन अधिग्रहण की राशि रखी रह गई। लिहाजा, यहां आज भी एक मकान में मुख्य बाजार के बीचों-बीच खरीक थाना चल रहा है।

झंडापुर में 58 डिसमिल जमीन खरीदने के लिए तीन लाख तीस रुपये आया था। कदवा थाना के लिए नौ लाख 52 हजार रुपये से एक एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना था, जो आजतक नहीं हो सका।

ढोलबज्जा थाना बनाने के लिए भू-अर्जन विभाग ने जरूरत से ज्यादा जमीन उपलब्ध करा दिया और इसके एवज में चार लाख 26 हजार रुपये की मांग की जाने लगी। जबकि यहां जमीन अधिग्रहण के लिए एक लाख 75 हजार रुपये ही दिए गए थे। लिहाजा, जमीन वापस कर दिया गया। लिहाजा, ये थाने आज भी किराए के मकान में या पंचायत भवन में जैसे-तैसे संचालित हो रहे हैं।

पत्राचार बाद भी नहीं मिल रहा जबाव 

भागलपुर में सृजन घोटाले का मामला उजागर होने पर वर्तमान एसपी पंकज सिन्हा ने पटना पुलिस मुख्यालय और जिलाधिकारी भागलपुर को पत्र भेजकर सारी स्थिति से अवगत कराया। इससे पूर्व भी तत्कालीन एसपी द्वारा भी इस तरह का पत्राचार पटना पुलिस मुख्यालय और भागलपुर जिला प्रशासन को किया जा चुका है। लेकिन अभी तक इस बारे में किसी भी तरह का जवाब नहीं दिया गया है।

दो थाने और दो पुलिस चौकी के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए पुलिस मुख्यालय से रुपये आवंटित किया था। सात वर्षो बाद भी अबतक न तो जमीन उपलब्ध कराया गया और ना रुपये के बारे में कोई जानकारी दी जा रही है। मामले को लेकर पत्राचार भी किया गया है।

पंकज सिन्हा, एसपी 


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