गंगा नदी पर बनने वाले पुल के लिए जमीन अधिग्रहण, नोटिस भेजकर रैयतों से मांगा दावा-आपत्ति
गंगा नदी पर बनने वाले फोर लेन पुल के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया तेज हो गई है। इसक लिए जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। रैयतों को नोटिस भेजा गया है। अगर कोई दावा-आपत्ति नहीं आती है तो रैयतों की जमीन का मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा।
भागलपुर, जेएनएन। गंगा नदी में विक्रमशिला सेतु के बगल में बनने वाले पुल के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन अधिग्रहण के लिए रैयतों को नोटिस भेजा गया है। नोटिस मिलने के बाद अगर कहीं से कोई दावा-आपत्ति नहीं आती है तो रैयतों की जमीन का मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर को दिल्ली से ऑनलाइन शिलान्यास कर चुके हैं। इसके निर्माण कार्य शुरू करने की दिशा में काम तेज कर दिया गया है। रैयतों से जमीन प्राप्ति के बाद निर्माण कार्य शुरू करने में ज्यादा देरी नहीं होगी।
चार मौजा में 51.46 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है
गंगा नदी में बनने वाले फोरलेन पुल के लिए चार मौजा में 51.46 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। राज्य सरकार ने विभाग को राशि उपलब्ध करा दी है। भागलपुर नगर निगम क्षेत्र में 4.41 एकड़, मकूजान में 10.98 एकड़, महादेवपुर में 35.593 एकड़ व परबत्ता में 0.48 एकड़ भूमि अधिग्रहण करना है। जहां पर पुल का निर्माण होना है, वहां बिहार सरकार और रेलवे की जमीन है। गंगा नदी पर फोरलेन पुल के निर्माण हो जाने से शहर की सबसे बड़ी समस्या जाम से लोगों को मुक्ति मिल जाएगी।
गंगा नदी पर बनने वाले फोर लेन पुल
-4.455 किलोमीटर लंबा गंगा नदी पर बनेगा नया पुल
-68 पाए वाले पुल के दोनों ओर रहेगा फुटपाथ
-1110.23 करोड़ रुपये होंगे खर्च
120 मीटर का स्पेन बनेगा गंगा नदी पर
-50 मीटर दूर होगा विक्रमशिला सेतु से
-04 साल में पूरी होगी परियोजना
-पुल के नीचे से निकल जाएगा पानी की जहाज
-21.3 हेक्टेयर होगा भूमि का अधिग्रहण
-255 रैयतों को भू-अर्जन विभाग ने भेजा नोटिस भेजी गई।
-51 एकड़ में 10 एकड़ सरकारी जमीन है।
-59 करोड़ रुपये होंगे खर्च
-51 करोड़ रुपये हो चुका है भुगतान
-नवगछिया की ओर 875 मीटर और भागलपुर की ओर 987 मीटर बनेगा पहुंच पथ
-10 साल तक पुल का संरक्षण करेगा कार्य करने वाली एजेंसी
-07 एजेंसी खोली तकनीकी बिड