सहायक प्राध्यापक पद पर बहाली को लेकर संशय की स्थिति
राज्य के विश्वविद्यालयों में राजनीति विज्ञान विषय में सहायक प्राध्यापक पद पर होने वाली आगामी बहाली को लेकर एमए इन पोलिटिक्स (अंतरराष्ट्रीय संबंध में विशेषज्ञता) के अभ्यíथयों में संशय की स्थिति बनी हुई है।
भागलपुर। राज्य के विश्वविद्यालयों में राजनीति विज्ञान विषय में सहायक प्राध्यापक पद पर होने वाली आगामी बहाली को लेकर एमए इन पोलिटिक्स (अंतरराष्ट्रीय संबंध में विशेषज्ञता) के अभ्यíथयों में संशय की स्थिति बनी हुई है।
छह वर्ष पूर्व 2014 की बहाली प्रक्रिया में भी राजनीति विज्ञान के अंतर्गत आने वाले एमए इन पोलिटिक्स (अंतरराष्ट्रीय संबंध में विशेषज्ञता) और लोक प्रशासन के अभ्यर्थियों को वैध नहीं माना गया था। सरकार की नीति से आहत ये अभ्यर्थी न्याय के लिए पटना उच्च न्यायालय के शरण में चले गए थे। बहरहाल अभ्यर्थियों का यह मामला न्यायालय में लंबित है।
दरअसल, देश के अन्य राज्यों में राजनीति विज्ञान विषय में सहायक प्राध्यापक के पद के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंध और लोक प्रशासन के अभ्यíथयों को योग्य माना जाता है।
इस संबंध में भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने 2007 में, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने 2007 और 2018 में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 1999, 2016 और 2018 में अधिसूचना जारी कर स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया है कि एमए इन पोलिटिक्स (अंतरराष्ट्रीय संबंध में विशेषज्ञता) में डिग्री मुख्य विषय राजनीति विज्ञान विषय से ही संबंधित है और इस विषय में डिग्री रखने वाले राजनीति विज्ञान विषय में सहायक प्राध्यापक पद के लिए योग्य माने जायेंगे। कई राज्यों ने किया है पालन
यूजीसी के इस अधिसूचना को उत्तरप्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों ने पालन करते हुए अंतरराष्ट्रीय संबंध के अभ्यíथयों को राजनीति विज्ञान विषय के तहत सहायक प्राध्यापक पद के लिए योग्य माना है। पाडिचेरी विश्वविद्यालय से एमए इन पोलिटिक्स (अंतरराष्ट्रीय संबंध में विशेषज्ञता) से स्नातकोतर एवं पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने वाली मुंगेर की छात्रा डॉ. अनामिका कहती है की 2014 में बिहार में सहायक प्राध्यापक पद के लिए उसके विषय को अयोग्य माना गया, जबकि उत्तरप्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के तहत सहायक प्राध्यापक के पद पर 2019-20 में मेरा चयन हुआ है।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय संबंध के विद्यार्थी डॉ. अदिति, डॉ. प्रियंका, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. रवि, डॉ. अभय एवं अन्य अभ्यíथयों को भरोसा है की आगामी बहाली में राज्य सरकार विश्वविद्यालय सेवा आयोग एमए इन पोलिटिक्स के अभ्यíथयों को योग्य मानेगी।