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12 वर्ष में भी नहीं भरे कुसहा के घाव, काली कोसी की बनी धारा में समा गए थे 40 घर

कुसहा की बाढ़ से पीरनगरा-भोला दास बासा के बीच ड्रेनेज के समीप तीन सौ मीटर में सड़क कुंड में तब्दील हो गई थी। 2008 में सुपौल-नेपाल की सीमा पर कोसी का तटबंध टूट गया था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 05:26 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 08:30 AM (IST)
12 वर्ष में भी नहीं भरे कुसहा के घाव,  काली कोसी की बनी धारा में समा गए थे 40 घर
12 वर्ष में भी नहीं भरे कुसहा के घाव, काली कोसी की बनी धारा में समा गए थे 40 घर

खगडिय़ा [भवेश]। 2008 में सुपौल-नेपाल की सीमा पर कोसी का तटबंध कुसहा में टूटा था। तब बाढ़ का पानी खगडिय़ा के बेलदौर प्रखंड तक पहुंचा था। बड़ी मुश्किल से एनएच 107 को बचाया गया था। बेलदौर प्रखंड की सभी 16 पंचायतें बाढ़ की चपेट में आई थीं। भारी नुकसान हुआ था।

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उस समय बेलदौर प्रखंड में राहत कार्य संचालित कर रहे किसान विकास ट्रस्ट के संगठक कृष्ण कुमार सिंह मुन्ना कहते हैं-बड़ा विकट समय था। माली पंचायत की अकहा गांव में कुसहा की बाढ़ के पानी से काली कोसी की एक धारा बन गई थी, जिससे हुए कटाव में 40 घर पानी में समा गए थे। कुसहा की बाढ़ से पीरनगरा-भोला दास बासा के बीच ड्रेनेज के समीप तीन सौ मीटर में सड़क कुंड में तब्दील हो गई थी। तबसे कोसी-काली कोसी होकर न जाने कितना पानी गुजर चुका है, लेकिन इस कुंड को आज तक नहीं भरा जा सका। इससे हजारों लोगों को आज भी आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

आवागमन की समस्या से जूझ रहे 40 हजार लोग

इस पथ से महिनाथ नगर, गोंगी, सहरसा जिले के कासनगर, सिमरिया गांव जुड़े हुए हैं। इन गांवों की आबादी लगभग 40 हजार है। मतलब, 40 हजार की आबादी 12 वर्ष बाद भी कुसहा त्रासदी का दंश झेल रही है। कुसहा के पानी से पीरनगरा-भोला दास बासा सड़क पर तीन जगहों पर कुंड बने, जो आज भी यथावत है। इन दिनों इन तीनों कुंड में बाढ़ का पानी लबालब है। इस सड़क से होकर आवागमन पिछले दो माह से ठप है।

कहते हैं स्थानीय लोग

अरुण शर्मा के अनुसार कुंड में बाढ़ का पानी आने के कारण एनएच 107 पीरनगरा पहुंचने के लिए 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। पहले यह दूरी दो किलोमीटर की थी। जयकरण शर्मा, गोपी शर्मा, विजय कुमार आदि ने कहा कि 12 वर्षों में भी कुंड को भरा नहीं जा सका। इन्हें अफसोस है कि कुसहा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया गया, लेकिन उससे बेलदौर को अलग रखा गया।

कहते हैं अधिकारी

ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल गोगरी के कार्यपालक अभियंता कुलानंद यादव ने बताया कि कुंडों में पुल बनाने को लेकर प्रस्ताव भेजा गया था। इसकी जांच विजिलेंस द्वारा शुरू हुई। जांच रिपोर्ट अब तक समर्पित नहीं करने के कारण पुल निर्माण में अवरोध है।


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