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भागवत कथा : कृष्‍ण प्रिया और शिवम विष्णु पाठक के प्रवचनों को सुनने आए श्रद्धालु, बोले-मोक्ष प्राप्ति का यही है साधन Bhagalpur News

भागलपुर में गोशाला और देवी बाबू धर्मशाला में भागवत कथा हो रहा है। दोनों जगहों पर बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रीमद् भागवत दिव्य कल्पतरु है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 10:04 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 10:04 AM (IST)
भागवत कथा : कृष्‍ण प्रिया और शिवम विष्णु पाठक के प्रवचनों को सुनने आए श्रद्धालु, बोले-मोक्ष प्राप्ति का यही है साधन Bhagalpur News
भागवत कथा : कृष्‍ण प्रिया और शिवम विष्णु पाठक के प्रवचनों को सुनने आए श्रद्धालु, बोले-मोक्ष प्राप्ति का यही है साधन Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। जीवन में गुरु की बड़ी महत्ता है। गुरु हमें अज्ञानता से दूर कर धर्म का मार्ग दिखाते हैं। उक्त बातें गोशाला में भागवत कथा के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए कृष्ण प्रिया जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि कलियुग में श्रीमद्भागवत महापुराण का श्रवण कल्पवृक्ष से भी बढ़कर है। कल्पवृक्ष मात्र तीन वस्तु अर्थ, धर्म और काम ही दे सकता है। मुक्ति और भक्ति नहीं दे सकता है। श्रीमद् भागवत दिव्य कल्पतरु है। यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद हासिल कराता है।

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कथावाचिका ने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल पुस्तक नहीं साक्षात श्रीकृष्ण स्वरूप है। इसके एक-एक अक्षर में श्रीकृष्ण समाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि कथा सुनना समस्त दान, व्रत, तीर्थ, पुण्य आदि कर्मो से बढ़कर है। भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त से त्याग है। कथा प्राशाल में श्रोता कीर्तन, भजन एवं प्रवचन सुन भावविभोर हो रहे थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रवण बाजोरिया, ओम प्रकाश कनोडिया, अरुण झुनझुनवाला, बबलू शर्मा, अशोक रामूका, संतोष अग्रवाल, राम गोपाल पोद्दार, चांद झुनझुनवाला सहित अन्य सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

भागवत कथा में पाखंड याचना का कोई स्थान नहीं

देवीबाबू धर्मशाला में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। पहले दिन कथावाचक आचार्य शिवम विष्णु पाठक ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण तन, मन और आचरण से पवित्र होकर करना चाहिए। इस कथा में पाखंड याचना का कोई स्थान नहीं है। आचार्य ने कहा कि भागवत कथा की जीवन में बड़ी महत्ता है। इसका सात दिनों तक पूरे मनोयोग से श्रवण करने एवं उन बातों को जीवन में उतारने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। उन्होंने कहा भागलपुर हमारे पूर्वजों की भूमि है। यहां आकर कथा वाचन में पूरे आनंद की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा यहां तीसरी बार कथा सुनाने आया हूं। यह मेरे जीवन की 70वीं कथा है।

इसके पूर्व आचार्य की अगुवाई में शाकंभरी परिवार के लोगों द्वारा कोतवाली चौक से शोभायात्रा निकाली गई। यह शहर के मुख्य मार्ग से गुजरती हुई कथा स्थल देवी बाबू धर्मशाला पहुंची। कार्यक्रम को सफल बनाने में शाकंभरी परिवार के प्रभु शर्मा, संजय सलामपुरिया, भगवती धनिया, कन्हैयालाल शर्मा, हरीश वर्मा, नीतू धनिया, आशा पोद्दार, प्रियंका वर्मा, सरिता सिंघानिया, चांद झुनझुनवाला और कविता सहित अन्य लोग सक्रिय योगदान दे रहे हैं।


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