पुरानी धारा पर लौटेगी कोसी, भाजपा विधायक ने गुआरीडीह में नौका से कार्य का किया निरीक्षण
गुआरीडीह बहियार में करीब ढाई-तीन हजार पूर्व विकसित रही सभ्यता के मिले पुरातत्विक अवशेष स्थल यानि गुवारीडीह टीले को कोसी के कटाव से बचाने के लिए धारा को मोड़ने की कवायद शुरु हो गई है। जल्द ही किसानों के घर खुशहाली लौटेगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नवगछिया के बिहपुर प्रखंड के जयरामपुर-गुआरीडीह बहियार में करीब ढाई-तीन हजार पूर्व विकसित रही सभ्यता के मिले पुरातत्विक अवशेष स्थल यानि गुवारीडीह टीले को कोसी के कटाव से बचाने के लिए धारा को मोड़ने की कवायद शुरु हो गई है। धारा को बदलने के लिए पायलट चैनल बनाने का कार्य बीते 12 दिनों से शुरू हो गया है। गुआरीडीह में मिले अवशेष को देखने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आए थे। उन्होंने इस स्थल पर मिले अवशेष को सुरक्षित और संरक्षण के लिए निर्देश दिए थे।
मंगलवार को बिहपुर विधानसभा के विधायक ई.शैलेंद्र ने नाव से कार्यस्थल पर पहुंचकर चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। पायलट प्रोजेक्ट का काम 18 करोड़ 64 लाख की लागत से होगा।कोसी की वर्तमान धारा गुआरीडीह से पुरानी धारा बैनाडीह में शिफ्ट की जा रही है। कोसी की धारा10-12 वर्ष पूर्व बैनाडीह होकर ही बहती थी।पुरानी बैनाडीह में कोसी की धारा लौटने से नवगछिया अनुमंडल के दर्जनों कोसी तटवर्ती गांव व हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन कोसी के कटाव से मुक्त हो जाएगी।
नई धारा छह किमी लंबी,तीस मीटर चौड़ी व छह मीटर गहरी होगी। जिसे मधेपुरा जिले के तटवर्ती गांव मुरौत से शुरू करके विशुनपुर तक लाया जाएगा। बता दें कि बीते माह से ही गुआरीडीह टीले को कटाव से बचाने के लिए जल संसाधन विभाग,नवगछिया की निगरानी में प्रोटेक्शन वर्क शुरू कर दिया गया है।टीले की सुरक्षा के लिए 980 मीटर लंबाई में थ्रीस्टेप गैवियन व जियो बैग के द्वारा पुरातात्विक टीले के कोसी से कटाव से सुरक्षित करने के लिए प्रोटेक्शन वर्क युद्धस्तर पर चल रहा है। स्थानीय लोगों में फिर से उत्साह है कि कोसी फिर पुरानी धारा में बहेगी। हालांकि कोसी के धारा बदलने के कारण किसानों की जमीन चली गई थी। लेकिन धारा बदलने के बाद उनकी जमीन मुक्त हो जाएगी। फिर एक बार समृद्धि उनके घर तक पहुंचेगी।