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पूर्वी बिहार में उतारी जा रही कोलकाता की नशीली 'टिकिया', बरनाला गैंग के कुख्यात इसमें हैं शामिल

बरनाला गैंग के नाम से कुख्यात गिरोह के जरिये भागलपुर पूर्णिया कटिहार बांका मुंगेर खगडिय़ा सहरसा सुपौल समेत अन्य जिलों में नशीली टिकिया की हो रही आपूर्ति। खुफिया महकमा ने किया अलर्ट पंजाब पुलिस ने भी मांगा सहयोग।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 10:06 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 10:06 AM (IST)
पूर्वी बिहार में उतारी जा रही कोलकाता की नशीली 'टिकिया', बरनाला गैंग के कुख्यात इसमें हैं शामिल
भागलपुर सहित आसपास में नशे का कारोबार।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। स्मैक, ब्राउन शूगर, चरस, हशीश से इतर नई पीढ़ी को एक झटके में ज्यादा नशा देने के लिए पूर्वी बिहार में कोलकाता से नशीली टिकिया भेजी जा रही है। नशीली दवाओं की नशीली टिकिया की तस्करी में पकड़े जाने का जोखिम भी उन मादक पदार्थों की तरह नहीं है। आराम से कोलकाता से चंद घंटों में भागलपुर, पूर्णिया, सहरसा, खगडिय़ा, कटिहार, मुंगेर, बांका आदि जिलों में पहुंचा दी ज रही है। खुफिया महकमे ने अपनी रिपोर्ट में नशीली टिकिया की तस्करी से जुड़ी रिपोर्ट मुख्यालय को दी है। अगाह किया है कि पंजाब प्रांत के लुधियाना में सक्रिय बरनाला गैंग के जरिये नशीली टिकिया कोलकाता से भागलपुर पहुंच रही है। बरनाला गैंग का तगड़ा नेटवर्क कोलकाता में है। वहां से गिरोह के एजेंट भागलपुर समेत उपरोक्त जिलो में नशीली टिकिया की आपूर्ति करा रहे हैं। बरनाला गैंग और आगरा गैंग के हाथ मिलाने के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के चुनिंदा शहरों में नशीली दवाओं का काला कारोबार तेजी से फैलाया जा रहा है। खुफिया महकमा पुलिस मुख्यालय को नशीली दवाओं की नई तस्करी और उसके फैलाव की मुकम्मल जानकारी दे एहतियाती तौर पर सतर्क कर दिया है।

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फर्जी कागजात से इन नशीली दवाओं की हो रही तस्करी

 ट्रमाडोल टेबलेट, एल्प्राजेलम, इंजेक्शन, बूप्रेनोरफिन कैप्सूल डाइसाक्लिोमिन, डस्ट्रोपॉक्सिीफिन की बड़ी-बड़ी खेप आसानी से भेजी जा रही है। इन नशीली टिकिया की आवाजाही में फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किये जाने की बात रिपोर्ट में कही गई है। बरनाला गैंग से जुड़े 16 आरोपितों को जुलाई 2020 में नशीली टिकिया के साथ दबोचा गया था। उनसे पूछताछ में इसकी तस्करी को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी।

बरनाला गैंग के 16 गुर्गों की गिरफ्तारी बाद सतर्क हुई खुफिया

अमृतसर के सचिन, बरनाला के अमन सिंगला, पक्खो कलां के बिट्टू राम, सतबीर छीनीवाल, अमृतसर के दीपक अरोड़ा, यादविंदर सिंह, जुल्फिकार अली, मालेरकोटला, नरेंद्र कुमार, बलबिंदर कुमार, राकेश कुमार, मनप्रीत, लवप्रीत, रविंद्र और दिल्ली का राजू उर्फ काला गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से इंटेलिजेंस अधिकारियों ने नशीली टिकिया के काले कारोबार पर नजर लगा रखी थी। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार बरनाला गैंग की तरफ से कोलकाता में बाकायदा ऑफिस चलाए जाने। फर्जी दवा कंपनी, फर्म, मेडिकल स्टोर के नाम से बिल काटते, बिक्री भी दर्शाये जाने की बात सामने आ रही है। पूर्वी बिहार में जरायम पेशेवरों नशीली टिकिया के काले धंधे में शामिल हो रहे हैं। इस टिकिया के इस्तेमाल और आवाजाही की पकड़ सहज संभव नहीं हो पाने के कारण काला धंधा तेजी से फैल रहा है। भागलपुर, पूर्णिया, बांका, मुंगेर समेत पूर्वी बिहार में बीते एक साल में दो दर्जन से अधिक मामले मादक पदार्थ के दर्ज हो चुके है। 24 नवंबर 2018 को भागलपुर रेलवे स्टेशन पर बांग्लादेशी नागरिक शहादत हुसैन उर्फ पायल किन्नर के वेश में नशीली टिकिया के साथ गिरफ्तार हुआ था। अभी भी वह यहां की जेल में बंद हैं। भागलपुर समेत इन जिलों में करोड़ों का नशे का काला धंधा फल-फूल रहा है। इन जिलों में तेजी से जरायम पेशेवर इस काले धंधे को अपने हाथ में लेकर लाखों के मुनाफे की खातिर नई पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं।


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