जीवन लील रहा जहरीला पानी, डेंजर जोन में मोहल्ले
हालिया सर्वे रिपोर्ट में 40 फीसद लोग इससे पीड़ित हैं।
(जितेन्द्र) भागलपुर : जिले में जहरीला पानी लोगों की जिंदगी को लील रहा है। फ्लोराइड और आर्सेनिक की जरूरत से ज्यादा मात्रा ने पानी को जहरीला बना दिया है। हालिया सर्वे रिपोर्ट में 40 फीसद लोग इससे पीड़ित हैं। नाथनगर के तमौनी गांव और जगदीशपुर का कोला खुर्द गांव पूरी तरह फ्लोराइड से प्रभावित है। वहीं, शहर के दक्षिणी क्षेत्र में फ्लोराइड और गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा मिली है। अलीगंज मौलाना चक सहित कई मोहल्ले के लोगों की दांत पीले हो गए हैं। वहीं,लीवर, दिव्यांगता, चर्म रोगों व कैंसर आदि की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं।
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कई लोगों की हुई असमय मौत
पिछले दो दशक में नाथनगर के तमौनी गांव में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा होने से कैलाश राय, खालीद, अनिल दीक्षित व इजराइल समेत एक दर्जन लोग कैंसर से पीड़ित होकर दम तोड़ चुके हैं। पूर्व मुखिया अफसर इमाम ने बताया कि यहां सोलर युक्त मिनी जलापूर्ति प्लांट भी वर्षो से खराब है। इससे लोग दूषित पानी सेवन करने को मजबूर है। भागलपुर का दक्षिणी क्षेत्र मिरजानहाट, अलीगंज में फ्लोराइड की मात्रा है। इसके बावजूद डीप बोरिग के पानी को बिना शोधन किए आपूर्ति की जाती है। पीरपैंती दियारा के 10 गांव के लोग आर्सेनिक के चपेट में है। बच्चों में जौंडिस और डायरिया की समस्या काफी ज्यादा है। जगदीशपुर का कोलाखुर्द गांव पूरी तरह फ्लोराइड की चपेट में है। यहां की अधिकांश आबादी जहरीले पानी के सेवन से हड्डी रोग से ग्रसित है। फ्लोराइड पानी पीने से पीड़ित सदानंद सिंह का हाथ और जय शंकर सिंह के पैर की हड्डी टेढ़ी हो गई है। विशेषज्ञों ने किए शोध
गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में सबौर तक आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र है। गंगा तट के एक किलोमीटर तक शहर में इसका प्रभाव भी है। टीएमबीयू भूगोल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन पांडेय ने शोध में बताया कि शहर के दक्षिणी क्षेत्र मिरजानहाट, शाहजंगी, अलीगंज से खिरीबांध तक फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र है। फ्लोराइड और आर्सेनिक कैंसर कारक है। जो ऐसा पानी पीता है वो बौना होता है। शरीर के मांसपेशी और हड्डी संबंधी रोग से ग्रसित होता है। भूगर्भ के जल में एसिड की मात्रा बढ़ गई है। जिले के यह क्षेत्र है प्रभावित :
नवगछिया के सभी क्षेत्र आर्सेनिक, फ्लोराइड प्रभावित है। पानी में आयरन की मात्रा काफी है। जबकि गोराडीह के मीरनचक, चकमलंगा, मुरहन, उस्तू, पीथना, स्वरूपचक, रत्तीचक फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र है। पीरपैंती के सवैया, पीरपैंती पश्चिम टोला, दुबौली, धुनियाचक फ्लोराइड और यहां गंगा के दियारा क्षेत्र बाखरपुर, सजूनगर, गोढ़ीटोला, धोबीटोला, टोपरा, ख्वासपुर, सिरमतपुर, ढुलढुलिया व ओलापुर क्षेत्र आर्सेनिक प्रभावित है। वहीं कहलगांव के संथाली टोला समेत कई क्षेत्र फ्लोराइड प्रभावित है। जबकि नाथनगर और सुल्तानगंज आर्सेनिक प्रभावित है।