कोसी दियारा : जानिए 50 किमी में फैले अपराधियों के इस अभयारण्य को, यहां पुलिस नहीं, गंगा की गर्जन से कांप उठता है कलेजा
बाढ़ आने पर अपराधी अपना बसेरा यहां से हटाने को मजबूर हो जाते हैं। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक जून से सितम्बर तक दियारा में अपराध का ग्राफ निचले पायदान पर रहता है।
कटिहार [प्रकाश वत्स]। गंगा व कोसी में उफान से जहां की जिले की तकरीबन दस लाख की आबादी सिहर उठती है, वहीं दियारा के अपराधियों का कलेजा भी कांप उठता है। अपराधियों का अभयाराण्य माने जाने वाले लगभग 50 किलोमीटर लंबे दियारा इलाके में पानी फैलते ही अपराध की रफ्तार भी थम जाती है। अपराधी अपना बसेरा यहां से हटाने को मजबूर हो जाते हैं। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक जून से सितम्बर तक दियारा में अपराध का ग्राफ निचले पायदान पर रहता है।
विषम भौगोलिक स्थिति अपराधियों के लिए वरदान
जिले के चार प्रखंडों में मूलत: दियारा का यह इलाका पड़ता है। मनिहारी, अमदाबाद, बरारी व कुर्सेला का यह इलाका अपराध की ²ष्टि से काफी संवेदनशील है। किसानों व पशुपालकों से रंगदारी से लेकर फसल लूट, जमीन व जलकर पर आधिपत्य को लेकर यहां आए दिन बंदूकें गरजती है। विषम भौगोलिक स्थिति का अपराधी जमकर लाभ उठाते हैं। लगभग 50 किलोमीटर लंबे दियारा इलाके में दस-दस किलोमीटर तक पैदल जाना ही एक मात्र विकल्प होता है। गंगा व कोसी पार करने की चुनौती अलग से रहती है। हर बाढ़ के बाद नए रास्ते इजाद हो जाते हैं और यह पुलिस के लिए एक नई बाधा बन जाती है।
दियारा में ही घटती है हत्या की 30 फीसदी घटनाएं
पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 के जनवरी माह से जुलाई 2020 तक जिले में हत्या की 352 घटनाएं हुई है। इसमें तकरीबन तीस फीसदी हत्या की घटनाएं दियारा के इलाके में ही हुई है। इसमें महज नौ से दस ऐसी घटनाएं हैं जो जून से सितंबर के बीच घटी है। दियारा में अधिकांश हत्या की घटनाएं अक्टूबर से मई के बीच ही घटी है। इसके अलावा रंगदारी, अपहरण आदि के जो भी मामले सामने आए हैं,उसमें सर्वाधिक अक्टूबर से मई के बीच ही घटी है।
छह पुलिस कैंप हैं स्थापित, चलता है विशेष अभियान
दियारा में अपराध पर लगाम के लिए बरारी, मनिहारी व अमदाबाद थाना क्षेत्र में पडऩे वाले इलाके में छह पुलिस कैंप स्थापित हैं। इसके अलावा फसल बोआई व कटाई के समय बीच-बीच में पुलिस का विशेष आपरेशन भी इन इलाकों में चलता है। कुख्यात मोहना ठाकुर सहित दियारा के कई दुर्दांत को दबोचने में पुलिस कामयाब भी रही है, लेकिन हर साल नए-नए गिरोह का गठन पुलिस के लिए सिरदर्द बन जाता है।
जिले में गंगा-कोसी का एक बड़ा दियारा इलाका है। दुर्गम भौगोलिक स्थिति के कारण अपराधियों की सक्रियता रहती है। दियारा में अपराधियों पर नकेल के लिए छह पुलिस कैंप स्थापित है। अब स्थिति सुधर रही है। बाढ़ के दौरान औसतन अपराध में काफी कमी आती है। पानी फैलने से अपराधियों के लिए रहना मुश्किल हो जाता है।
विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक कटिहार।