Katihar : ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों की आमदनी होगी दोगुनी, सरकार कर रही मदद, इस तरह ले आप भी ले सकते हैं लाभ
कटिहार के किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर अपनी आमदनी दोगुनी करेंगे। इसके लिए उन्हें सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जा रही है। इसकी खेती जिले की बंजर भूमि पर की जाएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
कटिहार [प्रदीप गुप्ता]। राजस्थान के रेगिस्तान में होने वाले ड्रैगन फ्रूट की खेती जलवायु परिवर्तन आधारित खेती की योजना के तहत जिले में भी की जा रही है। ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर किसान भी आकर्षित हो रहे हैं। आत्मा द्वारा किसानों को समय समय पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 20 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती हो रही है। ड्रैगन फ्रूट की खेती का रकवा बढ़ाए जाने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
तीन हेक्टेयर का निर्धारित किया गया लक्ष्य
जिले मे पहली बार उद्यान विभाग द्वारा तीन हेक्टेयर में ड्रैगन फ्रूट की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना का लाभ लेने के लिए पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर किसानों से आनलाइन आवेदन लिया जा रहा है। सरकार द्वारा इसके लिए किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है। आत्मा के माध्यम से 3200 ड्रैगन फ्रूट का पौधा किसानों को निशुल्क उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 2200 पौधे का वितरण किया जा चुका है। स्थानीय किसानों को किशनगंज में ड्रेगन फ्रूट की खेती करने वाले किसान नागराजन के खेत का परिभ्रमण कराने के साथ प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती से आत्मनिर्भर हो सकते हैं किसान
जिले धान,गेहू,मक्का की खेती से अधिकांश किसान जुड़े हैं। बरारी प्रखंड के घुसकी गांव के किसान दिनेश प्रसाद ङ्क्षसह व रंजीत चौधरी अपने खेतो में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। इच्छुक किसान इसकी खेती की जानकारी लेने उनके खेतों तक पहुंच रहे हैं।
फायदेमंद है ड्रैगन फ्रूट की खेती
ड्रैगन फ्रूट का पौधा एकबार लगाने के बाद लगातार लगभग 25 साल तक फल देता है। पौधे लगने के 18 माह के बाद इसका फल तैयार हो जाता है। एक एकड़ की खेती में 1.25 लाख रूपये का खर्च आता है। ड्रैगन फ्रूट बाजार में 300 रूपये प्रतिकिनो की दर से बिकता है। अच्छे स्वास्थ्य एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए इसे फयदेमंद माना जाता है।
जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती 20 एकड़ में हो रही है। विभाग द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा दिए जाने को लेकर पहली बार लक्ष्य का निर्धारण भी किया गया है। कई किसानों को निशुल्क पौधा उपलब्ध कराया गया है। चचनित किसानो को समय समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
जितेन्द्र कुमार, परियोजना निदेशक, आत्मा