Katihar Crime : दियारा में चली पुलिस की छापेमारी, किसानों को राहत
कटिहार जिला के दियारा क्षेत्र में अपराधियों पर नकेल कसने को लेकर कुरसेला पुलिस ने सघन छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है। कोढा पुलिस इंस्पेक्टर मु. इरशाद आलम के नेतृत्व में पुलिस द्वारा अपराधियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई।
जागरण संवाददाता, कटिहार । Katihar Crime दियारा क्षेत्र में अपराधियों पर नकेल कसने को लेकर कुरसेला पुलिस द्वारा सघन छापेमारी अभियान सोमवार को चलाया गया। कोढा पुलिस इंस्पेक्टर मु. इरशाद आलम के नेतृत्व में पुलिस द्वारा अपराधियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसके पूर्व भी गोबराही दियारा में एसडीपीओ अमरकांत झा के नेतृत्व मे छापामारी की गई थी। यद्यपि छापेमारी अभियान में पुलिस को कोई विशेष सफलता हाथ नहीं लगी, लेकिन दहशत में जी रहे किसानों को थोड़ी राहत जरुर मिली।
पुलिस आने की भनक पर अपराधी छोड़ देते है जिला का सीमा क्षेत्र
बता दें कि पुलिस के आने की भनक लगते ही अपराधी दूसरे जिलों में प्रवेश कर जाते हैं। दुरुह भौगोलिक स्थिति का लाभ अपराधी जमकर उठाते हैं। बता दें कि दियारा क्षेत्र में कई वर्षो से जमीन, जलकर, फसलों की लूटपाट व किसानों से रंगदारी को लेकर अपराधियों के कई गुटों में वर्चस्व की जंग होती रहती है। रंगदारी के लिए आए दिन किसानों को भी अपराधियों द्वारा निशाना बनाया जाता है। किसान की फसल लूटपाट का विरोध करने पर किसानों के साथ मारपीट व हत्या आम बात हो गई है।
दियारा की मलाई कलाई और जलकर की मछलियों पर रहती है अपराधियों की नजर
कलाई तथा अन्य बैशाखी फसल की बुआई से कटाई तक तथा जलकर में मछली मारने के दौरान अधिकांश घटनाएं होती है। दो अपराधी गुटों के बीच वर्चस्व को लेकर गोलियां चलती रहती है। इससे किसान दहशत के साए में जीने को विवश रहते हैं। बता दें कि एक जनवरी को गोबराही दियारा में किसान जय लाल महतो की अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी थी। अपराधी घटना को अंजाम देकर फरार हो गया था। उस घटना को लेकर पुलिस का छापेमारी अभियान रुक-रुक कर जारी है। कुरसेला पुलिस ने बाघमारा, तीनटेंगा, कटरिया व तीन मोहनी दियारा में छापेमारी अभियान चलाया। इस अभियान में थानाध्यक्ष अंजय अमन, शिवनाथ हाजरा, नंदलाल चौधरी, नन्हे दूबे, अंजनी सहित काफी संख्या में पुलिस बल शामिल थे।
किसानों द्वारा विरोध करने पर कर दी जाती है हत्या
दियारा इलाके में खून पसीना एक कर विविध फसलों की खेती में लगे किसानों को अपने उत्पादित अनाज को घर तक पहुंचा लेना दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा हैा फसल पकने के बाद ही क्षेत्र में अपराधी सक्रिय हो जाते हैं। लूटपाट का विरोध करने पर लूटेरे किसानों की हत्या कर देते है। पुलिस की सक्रियता नहीं होने की वजह से यहां फसल उगाना और जलकर में मछली पालना मौत को न्योता देना के बराबर हैा