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कार्तिक पूर्णिमा 2020 : सर्वार्थ सिद्धि योग और प्रवर्धमान योग में लगेगा चंद्र ग्रहण

Kartik Purnima 2020 इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है। हालांकि ग्रहण को भागलपुर सहित आसपास के जिलों में नहीं देखा जाएगा। इस दिन काफी संख्‍या में लोग गंगा स्‍नान करने आते हैं। भागलपुर सहित कई जिले गंगा तट पर‍ स्थित है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 01:09 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 06:01 AM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा 2020 : सर्वार्थ सिद्धि योग और प्रवर्धमान योग में लगेगा चंद्र ग्रहण
कार्तिक पूर्णिमा के दिन 30 नवंबर 2020 को चंदग्रहण लगेगा।

भागलपुर, जेएनएन। Kartik Purnima 2020 : कार्तिक पूर्णिमा सोमवार को है। ऐसे में सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु गंगा किनारे दीपदान करेंगे। वहीं देवालयों में दीप जलाकर देव दिवाली मनाई जाएगी। देव सेनापति भगवान कार्तिक की भी पूजा भी रात्रि में की जाएगी।

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सादगी के साथ इस बार होगा कार्तिक पूजा 

पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल के भागलपुर सहित बांका, मुंगेर, लखीसराय, जमुई, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, अरयिां, किशनगंज, मधेपुरा, सुपौल और खगड़िया जिले में इस बार कार्तिक पूजा सादगी के साथ मनाया जाएगा। कई जगहों पर भगवान कार्तिक की प्रतिमा स्‍थापित की गई है। मेला का भी आयोजन रखा गया है। मनोरंजन के लिए कुश्‍ती का भी आयोजन होगा।  पूजा समिति के सदस्‍यों की माने तो मेला और दर्शन पूजन के दौरान कोरोना वायरस के गाइड लाइंस का पालन किया जाएगा। प्रशासन के निर्देश का भी पालन होगा। इसमें कोई कोताई नहीं बरती जाएगी। 

 गंगा स्‍नान से मिलेगा मोक्ष का मार्ग 

मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा को दीप जलाने से भगवान विष्णु की खास कृपा मिलती है। इस कारण श्रद्धालु विष्णुजी को ध्यान करते हुए मंदिर, पीपल के पेड़, नदी किनारे, मंदिरों में दीप जलाते  है। बताया जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा  गंगा-गंडक के संगम पर गज की करुण पुकार पर भगवान विष्णु मत्स्य का अवतार लेकर ग्रह को मारे थे। पूर्णिमा तिथि को  गंगा स्नान करने से सभी तरह का पाप नष्ट हो जाता है और मौक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से गंगा तट पर भीड़ नहीं लगाने का अनुरोध किया गया है। 

 चंद्र ग्रहण भी लगेगा

चंद्र ग्रहण सर्वार्थ सिद्धि योग और प्रवर्धमान योग में लगेगा। यह उपछाया चंद्र ग्रहण  वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण होगा। किंतु भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इसका प्रभाव देश पर नहीं पड़ेगा। सूतक भी नहीं लगेगा। समस्त धार्मिक मांगलिक कृत्य होंगे। मंदिरों के कपाट भी  खुले रहेंगे।


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