Kali Puja 2020 : मां काली की आराधना में भक्त हुए तल्लीन, सहरसा में जगह-जगह हुई पूजा
Kali Puja 2020 सहरसा में काली पूजा के दौरान काफी उत्साह देखा गया। कोरोना काल में काली प्रतिमा स्थापित करने के लिए कई एहतियात बरते गए थे। मंदिरों में विशेष आयोजन हुआ। जिले के कई पौराणिक और प्रसिद्ध मंदिरों में काफी भीड रही।
सहरसा जेएनएन। शहर सहित जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों के सार्वजनिक मंदिरों में काली पूजा का धूमधाम से आयोजन किया गया। शहर के मत्स्यगंधा मंदिर, नया बाजार, रिफ्यूजी कॉलोनी, चांदनी चौक, पूर्वी रेलवे कॉलोनी एवं बटराहा वार्ड सं 27 में काली पूजा का आयोजन किया गया है। इन सभी काली स्थानों में मां काली के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
चैनपुर में दो अलग-अलग स्थानों पर हुई पूजा
कहरा के चैनपुर में दो अलग-अलग स्थानों पर भव्य काली पूजा का आयोजन किया गया। यहां श्रद्धालुओं व भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ग्राम पंचायत चैनपुर गांव के एक स्थान पर करीब 50 वर्षों से ग्रामीणों द्वारा काली पूजा का आयोजन किया जाता है। एक बुढ़िया काली घर तो दूसरा नया काली स्थान के नाम से प्रसिद्ध है। दीपावली पर्व के दिन दोनों स्थानों में मां काली के जन्म के साथ ही पट खोल दिया गया। मैया के पट खुलने के दूसरे दिन बुढ़िया काली घर में बलि प्रदान किया जाता है। यहां करीब 50 वर्षों से प्रतिमा के साथ काली पूजा की परंपरा रही है। सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार स्थित हाई स्कूल के पीछे मैदान एवं पहाड़पुर बाजार में पट खुलने के साथ ही काली माता की दर्शन के लिए भक्तों का तांता लग गया।
रक्तकाली चौसठ योगिनी में हुई पूजा-अर्चना
शहर के मत्स्यगंधा झील के तट पर स्थित रक्तकाली मंदिर में शनिवार को धूमधाम से काली पूजा मनायी गई। यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा- अर्चना की। रंग-बिरंगी रोशनी से नहाया मंदिर लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच रहा था।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
काली पूजा के दौरान सहरसा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। विसर्जन घाटों की भी बेहतर व्यवस्था की गई है। साफ सफाई का भी ध्यान रखा गया है। कोरोना काल में अस्पताल में भी चिकित्सक को हर समय रहने का निर्देश दिया गया है। वहीं, किसी अप्रिय घटना नहीं हो, इसके लिए पुलिस सतर्क है।