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सिगरेट नहीं लाया तो जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा गार्ड को कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा

भागलपुर में एक बार फ‍िर जूनियर डॉक्‍टरों ने आतंक मचाया। मेडिकल कॉलेज के सुरक्षाकर्मी को डॉक्‍टरों ने उस समय पीट दिया जब उसने सिगरेट लाने से मना किया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 07 Sep 2020 09:33 AM (IST)Updated: Mon, 07 Sep 2020 09:33 AM (IST)
सिगरेट नहीं लाया तो जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा गार्ड को कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा
सिगरेट नहीं लाया तो जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा गार्ड को कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा

भागलपुर, जेएनएन। मेडिकल छात्रावास में जूनियर डॉक्टर के सिगरेट लाने की मांग इनकार करने पर वहां तैनात सुरक्षा गार्ड को डॉक्टरों ने बेरहमी से पीट दिया। घटना शनिवार की देर रात को हुई। गुस्साए डॉक्टरों ने छात्रावास से निकलकर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी पीट दिया। उसपर भी जब उनका मन नहीं माना तो तीनों गार्ड को पकड़ कर छात्रावास ले गए। वहां कमरे में बंद कर लाठी से पीटा। पिटाई में सुरक्षा गार्ड अविनाश कुमार, राजीव रंजन और संजीव ठाकुर के पीठ और आंख में काफी जख्म लगे हैं।

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घटना की जानकारी पर बरारी पुलिस मौके पर पहुंचकर डॉक्टरों को शांत करा स्थिति नियंत्रित किया। उधर पिटाई से भड़के सुरक्षाकर्मियों ने रविवार की सुबह काम करने से इनकार कर अस्पताल अधीक्षक के कक्ष के आगे धरने पर बैठ गए। माहौल बिगड़ा तो प्रशिक्षु आइपीएस भरत सोनी पहुंचे।

बरारी पुलिस ने डॉक्टर मनीष कुमार समेत तीन चिकित्सकों को पूछताछ के लिए थाने लाई। इस बीच सुरक्षाकर्मियों को को अस्पताल अधीक्षक ने समझा कर शांत करा दिया। दोनों पक्षों में समझौते का दवाब बनाया गया। नतीजा सुरक्षाकर्मियों ने केस दर्ज कराने से इनकार कर दिया। पूछताछ को बैठाए गए तीनों डॉक्टरों को बेल बांड पर थाने से मुक्त कर दिया गया।

डॉक्टरों ने सुरक्षाकर्मियों से माफी भी मांगी। जख्मी सुरक्षा गार्ड अविनाश कुमार ने थाने में केस दर्ज नहीं कराया। आरोपित डॉक्टर ने पिटे सुरक्षाकर्मियों से माफी मांगी तो सुरक्षाकर्मी भी पिघल गए। वैसे उन्हें नौकरी छिन जाने का भय दिखा कर केस नहीं करने के दवाब की चर्चा खूब है। इधर जांच में लगे प्रशिक्षु आइपीएस भरत सोनी ने घटना के संबंध में अपनी रिपोर्ट एसएसपी आशीष भारती को दे दी। आरोपित डॉक्टर के नशे में होने की बात सामने आने पर उसकी जांच कराई गई।

इसके लिए यातायात डीएसपी आरके झा को जिम्मा दिया गया है। वह प्रकरण की जांच कर रहे हैं। वैसे बरारी पुलिस ने डॉक्टर की मेडिकल जांच में नशे में नहीं होने की पुष्टि की है। एसएसपी ने कहा है कि पिटे सुरक्षा गार्ड ही केस करने से इनकार कर दिया है। दोनों पक्ष आपस में समझौता कर लिए हैं। ऐसे में यातायात डीएसपी को मामले की जांच में लगाया गया है। जांच बाद आगे की कार्रवाई होगी।


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