NEET-UG Exam साल्वर बनी जूली मां समेत वाराणसी से गिरफ्तार, पूछताछ में खगड़िया का दलाल, पटना का PK और...
रविवार को आयोजित NEET-UG Exam में मूल अभ्यर्थी की जगह पटना की जूली वाराणसी बैठने वाली थी। शक हुआ तो उसे गिरफ्तार किया गया। मामले में खगड़िया का विकास गिरफ्तार हुआ है। पूछताछ में पता चला कि साल्वर गैंग का मास्टर माइंड पटना का पीके है।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। NEET-UG Exam के साल्वर गैंग का पर्दाफाश किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की वाराणसी क्राइम ब्रांच को पटना के पीके के बारे में पता चला है, जो गैंग का मुख्य सरगना है। मामले में रविवार को परीक्षा देने गई पटना की रहने वाली बीएचयू के बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा जूली और उसकी मां को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, दोनों से हुई कड़ी पूछताछ के बाद वाराणसी से खगड़िया निवासी विकास को धर दबोचा गया है। जूली साल्वर है, जो पीके के कहने पर किसी और की जगह नीट की परीक्षा देने वाली थी।
पुलिस की पकड़ में आईं मां-बेटी ने कई खुलासे किए हैं। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। जूली पटना के संदलपुर वैष्णवी कालोनी की रहने वाली है। उसने बताया कि पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं, घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। लिहाजा, पीके नाम के शख्स ने मां से संपर्क कर पांच लाख रुपये का लालच देते हुए दूसरे की जगह परीक्षा देने की बात कही। इस पर दो अन्य दलालों ने भी उसको जोर दिया। एक दलाल खगड़िया का विकास है, तो दूसरा गाजीपुर का ओसामा शाहिद है। दोनों को पुलिस ने धर दबोचा है। विकास और ओसामा से कड़ी पूछताछ की जा रही है।
परीक्षा देने गई जूली को मौके से पकड़ा गया
जूली ने बताया कि सॉल्वर गैंग ने मां बबिता से संपर्क करते हुए कहा कि अगर तुम्हारी बेटी हमारे कैंडिडेट की जगह बैठ कर परीक्षा दे देगी, तो परीक्षा केंद्र से निकलते ही पांच लाख रुपये कैश दे दिए जाएंगे। पैसों के लालच में दोनों वाराणसी पहुंच गईं। वहां सारनाथ स्थित सेंट फ्रांसिस स्कूल में बनाए गए केंद्र में रविवार को आयोजित नीट यूजी में कक्ष निरीक्षकों को जूली पर शक हो गया और फिर दोनों की गिरफ्तारी ने कई राज खोल दिए।
- बबिता के मोबाइल की काल डिटेल से दोनों दलालों का पता चला।
- जूली को मूल अभ्यर्थी के हस्ताक्षर की कई बार प्रैक्टिस भी कराई गई।
- मूल अभ्यर्थी की फोटो और जूली की फोटो को एडिट किया गया।
- लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल का एक डाक्टर भी शक के घेरे में है।
- KGMU का एक डॉक्टर शक के घेरे में
- पटना का पीके बिहार समेत देश के अन्य अलग-अलग राज्यों में ठिकाने बदलता है।
- क्राइम ब्रांच की एक टीम पीके की गिरफ्तारी के लिए पटना भी आ रही है।
'आरोपियों से पूछताछ जारी है। हमारा मुख्य उद्देश्य साल्वर गैंग के सरगना तक पहुंचना है। पूछताछ और छापेमारी जारी है।'- पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश, वाराणसी क्राइम ब्रांच।
गौरतलब हो कि मेडिकल में दाखिला दिलाने के नाम पर पूर्णिया से भी कुछ दिन पहले भोपाल एसटीएफ ने दो को गिरफ्तार किया था। दोनों ने तकरीबन 1.5 करोड़ रुपये की ठगी देश के अलग-अलग हिस्सों से की थी। पटना का आईआईटियन उनका मुख्य सरगना है, जो अभी तक फरार है। अब वाराणसी से हुई इस गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।