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ट्रायल में ही फेल हो गया JLNMCH का आक्‍सीजन प्‍लांंट, प्लांट चालू करते ही पाइप लाइन से होने लगा रिसाव

जवाहर लाल नेहरू चिक‍ित्‍सा महाविद्यालय अस्‍पताल में नवनिर्मित आक्‍सीजन प्‍लांट ट्रायल में ही फेल हो गया। प्‍लांट को चालू करते ही पाइप समेत कई जगहों से रिसाव होने लगा। आनन-फानन में प्‍लांट केा बंद कर दिया गया। जबकि इस प्‍लांट को...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 12:51 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 12:51 PM (IST)
ट्रायल में ही फेल हो गया JLNMCH का आक्‍सीजन प्‍लांंट, प्लांट चालू करते ही पाइप लाइन से होने लगा रिसाव
जवाहर लाल नेहरू चिक‍ित्‍सा महाविद्यालय अस्‍पताल में नवनिर्मित आक्‍सीजन प्‍लांट ट्रायल में ही फेल हो गया।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में नवनिर्मित आक्सीजन जेनरेशन प्लांट अपने पहले ही ट्रायल में फेल हो गया। कई खामियां उजागर हुईं। छह माह बाद भी अस्पताल प्रबंधन इसे पूर्णरूपेण चालू करने में नाकाम रहा। ऐसे में अगर अचानक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी तो उन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि इससे जुड़े लोगों का दावा है कि एक सप्ताह में इसकी खामियों को दुरुस्त कर लिया जाएगा।

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-कोराना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी को लगा झटका,

- छह माह में भी प्लांट को चालू नहीं करवा पाया अस्पताल प्रबंधन

- अगर कोरोना से लोग संक्रमित हुए तो आक्सीजन की हो सकती है कमी

- 24 घंटे में 40 सिलेंडर भरने की क्षमता है इस आक्सीजन प्लांट की

- 79 बेड पर भी आक्सीजन की आपूर्ति करने की क्षमता

- तीन हजार लीटर आक्सीजन स्टोर हो सकता है प्लांट के टैंक में

- 01 सप्ताह में प्लांट को पूर्णरूपेण चालू करने का किया जा रहा दावा

क्या आई दिक्कत

आक्सीजन प्लांट का ज्वाइंट कई स्थानों पर ढीला है। वाल्व भी ठीक से टाइट नहीं किया गया है। प्लांट चालू करते ही उससे गैस का रिसाव होने लगा। टेक्नीशियन आनंद कुमार के मुताबिक आक्सीजन स्टोर टैंक के समीप, आक्सीजन पाइप के ज्वाइंट एवं अन्य दो स्थानों के वाल्व ठीक से टाइट नहीं किए गए थे। बिजली के तार भी सही तरीके से नहीं लगे हैं।

कोरोना की दूसरी लहर में हुई थी आक्सीजन की भारी कमी

कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी खूब खली थी। इसकी वजह से कई मरीजों की जान चली गई। जो सक्षम थे वे मुंहमांगी कीमत पर खुद आक्सीजन की व्यवस्था कर रहे थे।

प्रतिदिन साढ़े तीन सौ से चार सौ सिलेंडरों की खपत थी। बरारी से लेकर अकबरनगर स्थित प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति की जाती थी। कभी-कभी तो रात दो बजे भी इन प्लांटों से आक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए अधिकारी से आग्रह करना पड़ा था। तीन सौ से ज्यादा संक्रमितों की मौत हो गई। दूसरी लहर के कमजोर पड़ते ही सरकार ने अस्पतालों में आक्सीजन जेनरेशन प्लांट निर्माण का निर्देश दिया था। लेकिन भागलपुर में अभी तक प्लांट चालू नहीं किया जा सका है।

आक्सीजन प्लांट तैयार हो गया है। कुछ खामियां रह गई हैं। दो-तीन दिनों में कमियों को दुरुस्त कर लिया जाएगा। वैसे अस्पताल में आक्सीजन की कमी नहीं है। अगर कोरोना मरीज भर्ती होते हैं तो उन्हें आक्सीजन सहित दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। - डा. असीम कुमार दास, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच  


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