JLNMCH का अद्भुत कारनामा : पेशाब की समस्या, डॉक्टर ने कहा सिटी स्कैन कराए
JLNMCH Bhagalpur यहां के चिकित्सक अदद्भुत कारनामे लिए जाने जाते हैं। एक मीरज आए तो पेशाब का इलाज कराने लेकिन चिकित्सकों ने इलाज कुछ इस तरह की।
भागलपुर, जेएनएन। सर, बाबूजी को पेशाब के साथ खून आ रहा है, बेचैन भी हैं। जूनियर डॉक्टर ने कहा सिटी स्कैन करवा ले। लेकिन सर, निजी क्लिनिक के डॉक्टर को दिखाए थे तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी थी। डॉक्टर ने कहा कि तो अल्ट्रसाउंड भी करवा लें। डॉक्टर ने मरीज के परिजन से कहा, आपलोग हंगामा क्यो नहीं करते। इमरजेंसी में पीपीई किट डॉक्टर को नहीं दी जाती। यहां कोरोना मरीजो का इलाज किया जाता है, हमलोग भी सहमे हुए हैं। यहां इलाज करवाइयेगा तो रात में सीनियर डॉक्टर को ढूढ़ते रह जाइएगा, नहीं मिलेंगे।
मरीज के परिजन और जूनियर डॉक्टर के बीच की यह बातचीत है। आखिरकार परिजन मरीज को लेकर घर आ गए। रातभर मरीज की परेशानी देख खुद परेशान रहे। फिर को क्लिनिक में भर्ती किया गया।
नाथनगर के 72 वर्षीय विनय कुमार घोष को मायागंज अस्पताल उनके पुत्र लेकर आए और डॉक्टर ने बिना मरीज को देखे सिटी स्केन करवाने की सलाह दे दी। अस्पताल में अब इसी तरह मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वहीं, अकबरनगर से आया मरीज को बिना देखे ही वापस भेज दिया गया। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि यहां मरीजों को अब इसी तरह टरकाया जा रहा है। पहले जैसी अब व्यवस्था नहीं रही।
डॉक्टर मरीज को आला लगाना भूल गए हैं। सीनियर डॉक्टरों को एक कमरा में बैठने और गप्पें मारने से फुर्सत नहीं है। जब से अस्पताल में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाने लगा है, तभी से यह समस्या आई है। इसके अलावा अस्पताल प्रशासन भी अब सुस्त पड़ गया है यही वजह है कि अस्पताल में मरीजों का इलाज अब भगवान भरोसे है। अस्पताल में गंदगी के बीच मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इमरजेंसी में भी गंदगी थी।
अगर किसी मरीज को परेशानी हो रही हो तो मुझे इसकी जानकारी दे। साथ ही अगर कोई डॉक्टर इलाज करने में कोताही बरत रहें हैं तो जानकारी मिलने पर कारवाई की जाएगी। - डॉ अशोक कुमार भगत, अधीक्षक, मायागंज अस्पताल