उत्साह : अर्जुन अवार्ड के लिए शूटर श्रेयसी के चयन पर झूमा बिहार
अर्जुन अवार्ड पर गोल्डन गर्ल का लगा निशाना।
जमुई । खेल जगत का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार अर्जुन अवार्ड जमुई की बेटी श्रेयसी ¨सह को दिए जाने के प्रस्ताव पर स्वीकृति की मुहर लगते ही जमुई सहित पूरा बिहार गौरवान्वित हो उठा है। राष्ट्रपति भवन में 25 सितम्बर को महामहिम के हाथों श्रेयसी को यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा। श्रेयसी की माता व पूर्व सांसद पुतुल देवी ने इसकी पुष्टि की है। श्रेयसी ने इससे पहले 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में शू¨टग प्रतियोगिता के डबल ट्रैप में सोने के पदक पर निशाना लगाकर बिहार व देशवासियों को गौरवान्वित किया था। उन्हें शूटिंग में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया है। इस पुरस्कार के लिए चयनित होने पर श्रेयसी रोमांचित हैं। उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि के लिए वे सारा श्रेय अपने दिवंगत पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय ¨सह को देती हैं। - श्रेयसी ¨सह की जीवनी व उपलब्धि
श्रेयसी सिंह का जन्म 29 अगस्त 1991 में हुआ था। इनके दादा कुमार सुरेंद्र ¨सह और पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय ¨सह अपने जीवन काल में राष्ट्रीय रायफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रहे थे। श्रेयसी दिल्ली के हंसराज कॉलेज की छात्रा हैं। वह भारतीय शूटर के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय डबल ट्रैप इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं। 2014 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में इन्होंने शूटिंग में रजत पदक अपने नाम किया था। इससे पूर्व मैक्सिको के आकापल्को में आयोजित 2013 ट्रैप शू¨टग वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की सदस्य के रूप में वह 15वें पायदान पर रही थीं। श्रेयसी ने दिल्ली में 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में ¨सगल्स और डबल ट्रैप में भाग लिया था। उसमें वह ¨सगल्स ट्रैप में 6ठे और डबल ट्रैप में 5वें स्थान पर रही थीं। उन्होंने ग्लासगो में 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों के एकल खिताब में रजत पदक जीतकर फाइनल में 92 अंक अर्जित किए थे। उसी वर्ष इन्होंने इस इवेंट में एशियाई खेलों में कांस्य पदक पर निशाना साधा था।
श्रेयसी ने कहा, खेल के क्षेत्र में देश का प्रतिष्ठित पुरस्कार अर्जुन अवार्ड से सम्मानित होने का अवसर प्राप्त होना सचमुच गौरवपूर्ण क्षण होगा। इन्होंने बिहार की बेटियों को संदेश देते हुए कहा कि मेहनत व लगन से कोई भी सफलता अर्जित की जा सकती है। श्रेयसी इस उपलब्धि का श्रेय दिवंगत पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिग्विजय ¨सह को देते हुए कहती हैं कि शू¨टग के क्षेत्र में आने की प्रेरणा इन्हें पिताजी से ही मिली थी। कभी हार नहीं मानने की उनकी सीख हमेशा इनके मनोबल को शक्ति प्रदान करती रही। यह अवार्ड मेरी ओर से मेरे पिता को श्रद्धांजलि स्वरूप होगा। इनकी मां पूर्व सांसद पुतुल देवी ने कहा कि बच्चों की सफलता माता-पिता के लिए गौरव की बात होती है। श्रेयसी ने बिहार की बेटियों के साथ-साथ जमुई व बांका के साथ-साथ बिहार की माटी का मान बढ़ाया है। यह बिहार की बेटियों की उपलब्धि के साथ ही दिवंगत पिता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि भी है।