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सत्‍ता पक्ष के विधायक की दबंगई, जबरन जमीन व दुकानों पर किया कब्जा

नवगछिया क्षेत्र के गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल की दबंगई एक बार उस समय सामने आई जब उन्‍होंने तिलकामांझी ने जमीन और दुकान पर कब्‍जा कर लिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 08:58 AM (IST)
सत्‍ता पक्ष के विधायक की दबंगई, जबरन जमीन व दुकानों पर किया कब्जा
सत्‍ता पक्ष के विधायक की दबंगई, जबरन जमीन व दुकानों पर किया कब्जा

भागलपुर, जेएनएन। तिलकामांझी थाने के सामने बेशकीमती जमीन को अपना बता जदयू विधायक गोपाल मंडल ने अपना कब्जा जमा लिया। जमीन के कुछ हिस्से में बनी पांच दुकानों पर ताला जड़ दुकानदारों को भी भगा दिया है। विधायक की दबंगई बीते दो दिनों से चल रही थी। मंगलवार को दीवार निर्माण कार्य में लगे मजदूर-मिस्त्री को समर्थकों और सुरक्षागार्डों ने भगा कर कब्जा कर लिया।

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विधायक के कदम से भयभीत जमीन का असली मालिक बता जयप्रकाश यादव ने तिलकामांझी थाने में विधायक और उनके सुरक्षाकर्मियों के विरुद्ध अर्जी दी है। अर्जी में तीन कटठा जमीन का खुद को 1982 से मालिक बताया है। उन्होंने विधायक पर जबरन जमीन पर कब्जा करने, दुकानों पर ताला लगा दुकानदारों को भगा देने। मारपीट करने समेत कई गंभीर आरोप लगाया है। तिलकामांझी पुलिस मामले की छानबीन कर रही हैं।  

विधायक ने कहा कि उस जमीन को 15 लाख रुपये देकर पुत्र के नाम एग्रीमेंट कराया है। उसे कब्जे में लेने को 29 अगस्त को थाने में आवेदन दिया था। थानाध्यक्ष को कहा था कि जमीन की वर्तमान समय तक की रसीद है। दाखिल-खारिज भी है। उसे हमारे कब्जे में कराने में सहयोग करें। पुलिस नहीं पहुंची। हम अपने हक वाली जमीन और दुकान को कब्जे में शांतिपूर्ण तरीके से कर लिया। विधायक ने कहा कि जमीन के असली मालिक अवध किशोर साह को लेकर एसएसपी से मंगलवार को मिले। उन्हें कागजात दिखा दिया है। विधायक ने कहा कि उन्होंने कोई दबंगई नहीं दिखाई। एसएसपी आशीष भारती ने कहा कि दोनों पक्षों के दस्तावेज की जांच कराई जा रही है।

जयप्रकाश ने कहा जमीन की रजिस्ट्री मेरे नाम, विधायक बोले हक हमारा

खंजरपुर निवासी जयप्रकाश यादव के पिता ने 1982 में तीन कटठा जमीन थाने के सामने ली थी। उस जमीन पर पांच दुकानें भी हैं। पिता ने जब जमीन ली थी तो उसकी रसीद और दाखिल-खारिज नगर निगम तक का कराया था। जयप्रकाश के पुत्र प्रशांत कहते हैं कि दादा ने तब अंचल से रसीद और दाखिल-खारिज नहीं कराया था। नतीजा सर्वे हुआ तो जाने कैसे वह जमीन सूजागंज निवासी अवध किशोर साह के नाम हो गई। उसने अंदर ही अंदर अंचल से जमीन की रसीद और खारिज-दाखिल करा लिया। यह सब कर्मचारी से मिलकर करा लिया। इस बीच दुबारा भी सर्वे हुआ लेकिन पता नहीं चल सका। 2017 में हमारे परिवार को पता चला कि जमीन तो किसी अवध किशोर साह के नाम हो गई है। इस पर हमारी तरफ से भागलपुर कोर्ट में टाइटल सूट दाखिल किया गया। जो यहां के सब जज-नवम के यहां चल रहा है। इस बीच 18 अगस्त 2020 को टाइटल सूट रहते हुए अवध से विधायक गोपाल मंडल ने दवाब बनाकर एग्रीमेंट अपने बेटे के नाम करा लिया।

एक हजार रुपये के स्टांप पेपर पर कराया गया एग्रीमेंट

विधायक ने अपने बेटे के नाम एक हजार रुपये के स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट तैयार कराते हुए कब्जे लेने चले आएं। वहां दुकानदारों से मारपीट की। उनके साथ गाली-गलौज भी की।

विधायक ने कहा हमारे पक्ष में  कागजात, इसलिए जमीन मेरी

गोपालपुर के जदयू विधायक एवं सचेतक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने कहा कि जमीन के कागजात मेरे पास। इसलिए जमीन पर हक तो हमारा ही होगा ना। विधायक अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि हम उस नेता के सिपाही हैं जिसके राज में अन्याय कदापि नहीं हो सकता। हम सीना ताने इसलिए जमीन पर खड़े हैं कि हमने रुपये देकर जमीन के मालिक से एग्रीमेंट कराया है। जयप्रकाश जो जमीन का मालिक होने का दावा कर रहा है वह कागजात प्रस्तुत करे। हम वापस हो जाएंगे। गलत नहीं होने देंगे।

राइफल भी चमकी, जवानों ने भी किया विधायक का सहयोग

जमीन और दुकान पर कब्जे में राइफल भी चमकी। विधायक के समर्थकों ने राइफल चमका कर दुकानदारों को भयभीत किया। विधायक की सुरक्षा में लगे जवानों ने भी विधायक की दबंगई में उनका सहयोग किया।

सकते में थानाध्यक्ष, कहा दस्तावेज जांच बाद देंगे रिपोर्ट

तिलकामांझी थाने के थानाध्यक्ष महेश कुमार विधायक की मौजूदगी वाले इस विवाद के सामने आने के बाद से सकते में हैं। मामला हाइप्रोफाइल होने के कारण कुछ बोलने से परहेज करते रहे। बस इतना कहा कि दोनों पक्षों के दस्तावेजों की जांच कर रहा हूं। अपनी रिपोर्ट जल्द सौंप देंगे। जमीन पर हंगामे, कब्जे जैसे सवालों पर कुछ बोलने पर थानाध्यक्ष बचते रहें।

विवादों से गोपाल मंडल का पुराना नाता

कभी हमेशा अपनी गंवई शैली और अख्खड़ बोल से विवादों में रहने वाले गोपाल मंडल बीते तीन-चार सालों से शांत पड़े थे। पार्टी उनके तीखे तेवर से नाराज होकर पार्टी स्तर पर पूर्व में दंडित कर दिया था। लेकिन नेता के लिए जमीन पर हमेशा सिर पर मुंरेठा बांध खम ठोकने वाले गोपाल मंडल रह-रहकर उखड़ जाते हैं। एक बार एक मजदूर के उपचार के लिए मायागंज अस्पताल के चिकित्सक को एके-47 से देख लेने की धमकी दे डाली थी। तब खूब हंगामा हुआ था। गोपालपुर क्षेत्र के कुछ लोगों से यातायात पुलिस की नोक झोंक से गुस्साए विधायक डीएसपी से लड़ गए थे। कहा था कि अगर इलाके के लोगों से अन्याय किया तो पुल पर से गंगा में फेंक देंगे। कभी विद्युत विभाग के डीवीसी कालोनी स्थित गेस्ट हाउस पर कब्जा, हाउसिंग बोर्ड कालोनी के आवासीय परिसर पर कब्जा, वहां मजदूरों को बसाने के लिए कब्जा कराने जैसे कई विवाद इनके सिर हैं।


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