बदले गए बीएयू नियुक्ति घोटाला की जांच कर रहे जांचकर्ता
असिस्टेंट प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिकों के नियुक्ति घोटाला मामले की जांच कर रहे जांचकर्ता को सरकार स्तर से बदल दिया गया है।
भागलपुर (जेएनएन) । बिहार के चर्चित बिहार कृषि विद्यालय, सबौर में हुए 161 असिस्टेंट प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिकों के नियुक्ति घोटाला मामले की जांच कर रहे जांचकर्ता को सरकार स्तर से बदल दिया गया है। पूर्व में इस मामले की जांच का जिम्मा तत्कालीन एसएसपी मनोज कुमार ने डीएसपी मुख्यालय रमेश को सौंपी थी। मगर उनका तबादला हाल ही में मुंगेर के तारापुर एसडीपीओ के रुप में हो गया। अब इस केस का जिम्मा वर्तमान एसएसपी आशीष भारती ने नए मुख्यालय डीएसपी मनोज कुमार सुधांशू को सौंपा है। उन्होंने केस का चार्ज भी पूर्व डीएसपी से ले लिया है। कुलसचिव ने सबौर थाने में दर्ज कराई थी एफआइआर
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के पूर्व कुलपति, अध्यक्ष, चयन समिति एवं तारापुर से जदयू विधायक मेवालाल चौधरी पर सबौर थाने में 21 फरवरी 2017 को एफआईआर दर्ज हुई थी। मेवालाल पर बीएयू के कुलसचिव अशोक कुमार ने मामला दर्ज कराया था। गौरतलब हो उनके उपर सहायक प्राध्यापक-सह-कनी वैज्ञानिकों के नियुक्ति में धांधली और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। राजभवन ने रिटायर्ड जस्टिस के नेतृत्व में 21 जून 2016 को जांच टीम का गठन किया था। उनकी रिपोर्ट पर ही राजभवन ने बीएयू प्रशासन को पूर्व कुलपति पर एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया था। रिपोर्ट को आधार बनाते हुए ही पूर्व कुलपति पर एफआइआर दर्ज की गई थी। इस मामले में तत्कालीन एसएसपी मनोज कुमार ने एसआइटी का गठन किया था। जाच कमेटी की रिपोर्ट पर हुई थी एफआइआर
राजभवन से तत्कालीन कुलपति मेवालाल चौधरी के कार्यकाल में हुए नियुक्ति घोटाले और विश्वविद्यालय में हुए निर्माण कार्य को लेकर एक सदस्यीय जाच कमेटी 21 जून को गठित हुई थी। 20 सितंबर को राजभवन ने कमेटी को जाच के लिए दो माह का अतिरिक्त समय दिया था। जाच का जिम्मा सेवानिवृत्त जस्टिस सैय्यद मो. महफूज आलम को सौंपा गया था। उन्होंने दो दिनों तक बिहार कृषि विश्वविद्यालय में रहकर तत्कालीन कुलपति के कार्यकाल से जुड़ी नियुक्ति की फाइलों और निर्माण कार्य से जुड़े दास्तावेजों को खंगाला था। उन्होंने राजभवन को 63 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी थी।
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कोट :
बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में हुए नियुक्ति घोटाला मामले की जांच का जिम्मा मिल गया है। नियुक्ति घोटाला मामले के केस की स्टडी करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
- मनोज कुमार कुमार सुधांशू, डीएसपी मुख्यालय