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साइकिल से ऑफिस, ड्यूटी के बाद सुर साधना, बिहार के पूर्णिया के SDPO की जीवन शैली प्रेरणादायक

Inspiring Lifestyle of SDPO- बिहार के पूर्णिया जिले में एक पुलिस अधिकारी का ड्यूटी के बाद सुर साधना करता है। पियानो में वर्दी का दिल बसता है। साहब हारमोनियम के भी मास्टर हैं और अपने आवास के कमरे को तमाम वाद्य यंत्रों से लैस किया हुआ है।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 06:29 AM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 06:29 AM (IST)
साइकिल से ऑफिस, ड्यूटी के बाद सुर साधना, बिहार के पूर्णिया के SDPO की जीवन शैली प्रेरणादायक
Inspiring Lifestyle of SDPO- हरमोनियम बजाते SDPO एसके सरोज।

प्रकाश वत्स, पूर्णिया: Inspiring Lifestyle of SDPO- साइकिल से आफिस जाकर ऊर्जा बचत का संदेश देने वाले पूर्णिया सदर के SDPO एसके सरोज की संगीत से भी अनूठी यारी है। उनका दिल पियानो में बसता है, तो अंगुली हारमोनियम पर भी थिरकती है। डयूटी से फुर्सत मिलते ही उनकी सुर साधना शुरु हो जाती है।

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1989 में पुलिस सेवा में बहाल हुए हैं एस के सरोज

एसके सरोज पुलिस सेवा में सन 1989 में बहाल हुए हैं। बचपन से ही उनकी संगीत से यारी थी, लेकिन पारिवारिक परिस्थिति के अनुरुप उन्होंने पुलिस सेवा में अवसर की तलाश की और सफल भी हुए। पुलिस में नौकरी के बाद भी उनके अंदर संगीत प्रेम जीवित रहा। सन 2004 में जब वे भोजपुर में पदस्थापित थे उसी दौरान एक संगीत गुरु से उनकी मुलाकात हो गई। ऐसे में डयूटी के बाद आफ टाइम में वे पियानो व हारमोनियम बजाने व गीत गाने का अभ्यास करने लगे। अब यह उनकी दैनिक चर्या बन चुकी है।

संगीत से मिलती है ऊर्जा, हर किसी को करना चाहिए प्रेम

पद के अनुरुप विभाग में अपनी भूमिका का निवर्हन भी वे इमानदारी से करते रहे हैं। पूर्णिया में भी उन्होंने डयूटी के प्रति समर्पित पुलिस अधिकारी के रुप में अपनी पहचान बनाई है। उनकी दिनचर्या खास है। वे सुबह पांच बजे उठते हैं, फ्रेस होते हैं और फिर चाय पीकर पियानो या हार्मोनियम लेकर बैठ जाते हैं। पुलिस की नौकरी के चलते रात्रि डयूटी में निकलने पर यह रुटिन बाधित भी रहती है, लेकिन फिर लय में आ जाती है।

वे पियानो या हार्मोनियम बजाते हैं। गाना भी गाते हैं। सुर-ताल को कर्णप्रिय बनाने का रियाज चलता रहता है। उन्हें लगता है कि संगीत जीवन में नई उर्जा प्रदान करता है। हर किसी को संगीत से प्रेम करना चाहिए। उनकी एक पुत्री चिकित्सक है। एक पुत्र भी मेडिकल फाइनल ईयर में है। एक बारहवीं का छात्र है। वे लोग समय रहने पर पापा के संगीत का आनंद लेते हैं।


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