इंडो-नेपाल बॉर्डर सील रहने से सीमावर्ती 50 से अधिक गांवों के लोगों में पनप रहा आक्रोश, कारोबार भी चौपट
कोरोना से बचाव को लेकर इंडो-नेपाल बॉर्डर को सील कर दिया गया है। जिस वजह से सीमावर्ती 50 गांवों के लोगों का कारोबार प्रभावित हो गया है। बॉर्डर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अब तो बेटी-रोटी के रिश्तों पर भी बुरा असर पड़ रहा है
जागरण संवाददाता, किशनगंज । वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के मद्देनजर लंबे अंतराल से नेपाल के द्वारा सीमा सील किए जाने से दोनों देशों के नागरिकों में काफी आक्रोश पनप रहा है। दोनों देश के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों की आर्थिक, व्यापारिक स्थितियों के साथ साथ सामाजिक संबंधों पर भी खासा असर पड़ रहा है। सीमावासियों का कहना है कि नेपाल सरकार भारत देश से सारी रोजमर्रा की वस्तुओं की सेवा तो ले रही है लेकिन सीमावासियों को नेपाल प्रवेश पर रोक लगा कर भारत के सीमावर्ती बाजारों का धंधा चौपट कर रही है। साथ ही बेटी रोटी के रिश्तों पर भी बुरा असर डाल रही है। जिले के ठाकुरगंज, टेढ़ागाछ व दिघलबैंक प्रखंड क्षेत्र से सटी लगभग 50 से अधिक गांव के लोग इससे प्रभावित हैं।
लॉकडाउन की बात कर भारतीय नागरिकों नेपाल में प्रवेश पर लगा दी है रोक
नेपाल की ओर से सीमा पूर्ण रूप से सील किए जाने को लेकर इंडो-नेपाल बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के द्वारा भी विशेष रूप से सख्ती बरती जा रही है। एसएसबी आवागमन पर भी पूर्ण पाबंदी लगा रखी है। यह स्थिति भारत में गत वर्ष मार्च के महीने में जारी लॉकडाउन के समय से है। भारत में तो लॉकडाउन में ढ़ील देते धीरे-धीरे सबकुछ खोले जा रहे हैं लेकिन नेपाल की ओर से लॉकडाउन की छूट नहीं देने की बात कह भारतीय नारगरिक को नेपाल प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। भारत के लोग नेपाल प्रवेश नहीं कर जाने की स्थिति में रोटी बेटी के संबंधों पर खासा असर पड़ रहा है।
नेपाल के लोगों का बंद है आवागमन
सीमा से सटे गलगलिया बाजार के जूता दुकानदार सुरज कुमार साव बताते हैं कि बॉर्डर सील होने के कारण नेपाल के नागरिकों का आवागमन पूर्ण रूप से बंद है। जिस कारण नेपाल के ग्राहक सीमावर्ती गलगलिया बाजार में खरीददारी के लिए नहीं आ पाते हैं। इससे गलगलिया बाजार के व्यवसायियों का धंधा बुरी तरह प्रभावित हुई है। हम व्यवसायियों का किसी तरह गुजारा चल रहा है।
किराना दुकानदार बमभोल घोष का कहना है कि नेपाली नागरिक के गलगलिया बाजार नहीं आने से नगदी खरीददारी पूरी तरह चौपट है। लॉकडाउन से पहले नेपाली नागरिक बार्डर पर स्थित गलगलिया बाजार से अपने रोजमर्रा की चीजों को खरीद कर ले जाते थे, जिससे हम व्यवसासियों को इसका सीधा लाभ मिलता था लेकिन विगत 11 माह से बार्डर पर स्थित दुकानदारों का हालत बदतर हो चुका है।
एसएसबी बरत रही सख्ती
शुक्रवार को को भी प्रखंड के भातगांव के गलगलिया-भद्रपुर बॉर्डर पूरी तरह सन्नाटा पसरा था। इस ट्रांजिट प्वाइंट पर एसएसबी के जवान पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं। एसएसबी के अनुसार बॉर्डर एरिया के विभिन्न रास्तों पर बैरियर के साथ नाका लगाकर जांच की जा रही है। इसके अलावा पगडंडी वाले रास्तों पर एसएसबी जवान सघन पेट्रोङ्क्षलग कर रहे हैं। आवाजाही पर प्रतिबंध रहने के कारण बॉर्डर पर स्थित कस्टम कार्यालय पर महज खानापूर्ति के लिए कर्मी मौजूद रहते हैं।
महानिरीक्षक एसएसबी सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी
गृह मंत्रालय की ओर से बॉर्डर खोले जाने के लिए कोई भी आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। केंद्र सरकार व गृह मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद ही गाइडलाइन के तहत बॉर्डर खोलें जाएंगे।फिलहाल इंडो-नेपाल बार्डर पर तैनात एसएसबी के अधिकारी व जवान पूरी मुस्तैदी से सरकार के आदेशों का अनुपालन कर रहे हैं। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। -श्रीकुमार बंदोउपाध्याय, महानिरीक्षक एसएसबी सीमांत मुख्यालय सिलीगुड़ी