भारतीय रेलवे: बिहार की दूसरी सबसे बड़ी सुरंग से गुजरने को बेताब हैं ट्रेनें, दिन-रात जुटे रेल वारियर्स
बिहार की दूसरी सबसे बड़ी रेल टनल मुंगेर के जमालपुर में बन कर तैयार है। दो दिन बाद इस सुरंग से ट्रेनें तेज रफ्तार के साथ गुजरेंगी। अंतिम तैयारियों को पूरा करने के लिए रेल वारियर्स दिन रात एक किए हुए हैं।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। मालदा रेल मंडल के भागलपुर पुल रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन समान होने में महज 72 और हैं। 29 जनवरी से इस रेल खंड पर सभी ट्रेनें पहले की तरह सरपट दौड़ने लगेंगी। जमालपुर-रतनपुर के बीच दोहरीकरण और विद्युतीकरण को लेकर नन इंटरलकिंग का काम काफी तेजी से चल रहा है। रेलवे के वारियर्स ठंड में दिन रात एक किए हुए हैं। नन इंटरलाकिंग को लेकर 24 घंटे अलग-अलग सिर्फ में काम किया जा रहा है। रेल कर्मियों को अलग-अलग स्टेशनों पर लगाया गया है। मालदा रेल मंडल प्रबंधक यतेंद्र कुमार नॉन इंटरलाकिंग काम की खुद मानिटरिंग कर रहे हैं।
डीआरएम के निर्देश पर रेलवे परिचालन और ट्रैफिक विभाग के संबंधित अधिकारी पूरी सुरक्षा और संरक्षा से काम में लगे हुए हैं। 29 जनवरी का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसे हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। २८ जनवरी को मुख्य संरक्षा आयुक्त नई सुरंग में ट्रेन दौड़ाकर जांच करेंगे। 29 जनवरी से ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह समान हो जाएगा।
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- -दो दिनों तक और इंतजार, २9 से सरपट दौड़ेंगी ट्रेनें
- -पूरी तरह बहाल हो जाएगा ट्रेनों का परिचालन
- -ठंड की नहीं परवाह, काम को अंतिम रूप देने में जुटे हैं रेलवे के वारियर्स
पटना और हावड़ा के लिए मात्र एक ट्रेन
नन इंटरलाकिंग काम की वजह से पटना और हावड़ा के लिए जमालपुर स्टेशन से एक-एक ट्रेन चल रही है। जमालपुर खगड़िया बेगूसराय रेल सेक्शन पर भी ट्रेनें पूरी तरह बंद है। नन इंटरलाकिंग काम चलने से मालदा रेल मंडल ने २१ एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को 28 तारीख तक रद किया है। लंबी दूरी की महत्वपूर्ण ट्रेन है। बांका-जसीडीह-किऊल के रास्ते चल रही है, ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियां हो रही हैं। लेकिन सुरंग के शुरू होने के बाद काफी सहूलियत मिलने वाली है।