भारतीय रेल: ट्रेनों के आगे गुजरेगी लाइट इंजन, जानिए वजह
नक्सली बंदी पर अलर्ट मोड रेलवे ट्रेनों के आगे गुजरेगी लाइट इंजन। सुरक्षित रेल यात्रा को लेकर लिया गया निर्णय अप-डाउन में रात में लाइट इंजन से चौकसी। रेल पुलिस के पदाधिकारी लाइट इंजन से करेंगे जांच सभी स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ी।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। नक्सली प्रशांत बोस और शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों ने बंद का आह्वान करते हुए झारखंड में उत्पात मचाया है। रेलवे ट्रैक को विस्फोट कर उड़ा दिया है। नक्सली बंद और उत्पात को देखते हुए रेल प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। किसी तरह का रिस्क ेलेने के मूड में नहीं है। रेल जिला जमालपुर के अंतर्गत आने वाले नक्सल प्रभावित स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे ट्रैक पर रात्रि जांच चल रही है। रात में अप और डाउन मार्ग में गुजरने वाली ट्रेनों के आगे लाइट इंजन (सिर्फ इंजन) चलेगी। अप और डाउन मार्ग पर रात्रि ट्रेनों की समय से 10 मिनट पहले लाइट इंजन चलेगी।
लाइट इंजन के सुरक्षित गुजरने के बाद ओके रिपोर्ट मिलने पर यात्री ट्रेन संबंधित स्टेशनों से आगे बढ़ेगी। जमालपुर रेल पुलिस अप और डाउन मार्ग पर रात नौ से लेकर सुबह चार बजे तक लाइट इंजन से पेट्रोलिंंग करेगी। रेल एसपी आमिर जावेद नक्सली बंद में किसी तरह से रेल परिचालन में बाधा नहीं पहुंचे इसकी वह खुद देखरेख कर रहे हैं। शुक्रवार की रात से सुबह तक रेल एसपी कैंप करते रहे। रेल एसपी ने बताया कि सभी रेल थानाध्यक्षों को पूरी तरह सतर्क रहने को कहा गया है, रेल थानों में पदाधिकारियों और जवानों को विशेष चौकसी पर लगाया गया है। जमालपुर रेल थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि लाइट इंजन से रात में पेट्रोङ्क्षलग चल रही है। अप-डाउन में बंद तक विशेष पेट्रोलिंग चलेगी।
भागलपुर-किऊल, किऊल-झाझा और गया रूट पर विशेष चौकसी
रेल जिला जमालपुर का क्षेत्र काफी बड़ा है। मिर्जाचौकी से किऊल, भागलपुर-बांका, किऊल से झाझा, किऊल से मानपुर (गया) तक आने वाले स्टेशन जमालपुर के अधीन है। इस खंड पर कई स्टेशन नक्सल प्रभावित है। बंद या फिर नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद कई बार नक्सली रेल ट्रैक को विस्फोट कर उड़ा चुके हैं। ऐसे में सभी स्टेशनों पर चौकसी बढ़ाई गई है।
मसूदन स्टेशन का उड़ाया था, नाथनगर में बम नहीं हुआ विस्फोट
नाथनगर स्टेशन पर फरवरी 2021 में डेटोनेटर लगाकर रेलवे ट्रैक को उड़ाने की कोशिश नक्सलियों ने की थी, संयोग था बम विस्फोट नहीं हुआ और रेल पुलिस ने बम डिफ्यूज कर दिया। वर्ष 2017 में नक्सलियों ने मसूदन रेलवे स्टेशन (जमालपुर-धरहरा के बीच) के पैनल कार्यालय को डेटोनेटरयुक्त बम से उड़ाया था। डेढ़ दर्जन नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया था। स्टेशन पैनल कार्यालय उड़ाने के लिए आधा दर्जन डेटोनेटर बम लगाए थे।
नक्सल प्रभावित स्टेशन
रतनपुर, नाथनगर, धरहरा, अभयपुर, मसूदन, कजरा, धनौरी, वंशीपुर, जमुई, झाझा, सिमुतल्ला, वजीरगंज।
हाल के वर्षों की घटना पर एक नजर
- -2005 : कजरा स्टेशन पर आरपीएफ जवानों पर हमला, हथियार लूटे
- -2008 : वंशीपुर के पास नक्सली घटना
- -2013 : रेल सुरंग के समीप इंटरसिटी की गश्ती दल पर हमला, तीन जवानों की हत्या, हथियार लूटे
- - 2014 : घरहरा-अभयपुर स्टेशन के बीच पटरी काटी
- - 2014 : झाझा स्टेशन के पास नक्सलियों ने रेल पटरी को उड़ाई
- - 26 जनवरी 2017 : रतनपुर स्टेशन समीप पटरी से 49 पैंड्रॅाल क्लिप खोला
- -20 दिसंबर 2017 में नक्सलियों ने मसूदन स्टेशन को उड़ाया
- -2021 के फरवरी में नाथनगर स्टेशन पर डेटोनेटरयुक्त बम बरामद
- -2021 के जुलाई में रेलवे सुरंग और रतनपुर स्टेशन पर विस्फोट की साजिश
टारगेट पर रहा है रेल जिला जमालपुर के स्टेशन
भागलपुर से किऊल और जमुई-झाझा रेल सेक्शन नक्सली संगठनों का साफ्ट टारगेट रहा है। जब भी नक्सलियों की ओर से बंद की घोषणा की जाती है अथवा उनके किसी साथी की गिरफ्तारी या सजा सुनाई जाती है तो सबसे पहले वे लोग रेलवे को अपना निशाना बनाते हैं। हाल के वर्षो में भी नक्सलियों ने भागलपुर-किउल रेलखंड के कई स्टेशनों के आसपास पटरी को विस्फोट कर उड़ा चुके है। कई जगह कैबिनमैन को अगवा भी किया है।