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भारतीय रेल : भागलपुर-सूरत व जमालपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में एलएचबी कोच, सफर आरामदायक, जानिए और क्‍या है खास

भारतीय रेल जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस में भी लगेगा एलएचबी कोच। सूरत और सुपर एक्सप्रेस का एलएचबी कोच से परिचालन होने से सुखद होगी यात्रा झटका महसूस नहीं होगा। चार जुलाई से भागलपुर से सूरत एक्सप्रेस में एलएचबी कोच लगाकर होगा परिचालन।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 10:51 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 03:32 PM (IST)
भारतीय रेल : भागलपुर-सूरत व जमालपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में एलएचबी कोच, सफर आरामदायक, जानिए और क्‍या है खास
भारतीय रेल : ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर-सूरत एक्सप्रेस के साथ ही अब जमालपुर-हावड़ा सुपर एक्सप्रेस में भी एलएचबी (ल‍िंक हाफमेन बुश) कोच जुड़ेगा। इस कोच के जुडऩे से यात्रियों का सफर आरामदायक होगा। झटका महसूस नहीं होगा। रेलवे की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सूरत एक्सप्रेस के आइएफसी रैक को एलएचबी रैक से बदलने की तिथि घोषित कर दी गई है। दोनों ही दिशाओं में जमालपुर-हावड़ा एक्सप्रेस जल्द एलएचबी कोच के साथ चलेगी। इधर, दो जुलाई से सूरत से खुलने वाली डाउन सूरत-भागलपुर में और भागलपुर से खुलने वाली अप भागलपुर-सूरत एक्सप्रेस में चार जुलाई से एलएचबी कोच जुड़ेगा।

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वर्तमान में भागलपुर-सूरत एक्सप्रेस में एसी टू टायर एक, पांच एसी थ्री टायर, 10 स्लीपर, तीन सामान्य, एक पेंट्रीकार सहित कुल 22 आइएफसी कोच हैं। अभी जमालपुर- भागलपुर -किऊल-साहिबगंज रूट पर अंग एक्सप्रेस और विक्रमशिला सुपर फास्ट सहित एक दर्जन ट्रेनों का एलएचबी कोच से परिचालन हो रहा है। सूरत एवं सुपर एक्सप्रेस का परिचालन एलएचबी कोच से होने पर यात्रियों का झटका महसूस नहीं होगा। छह से आठ सीटों की संख्या बढऩे के साथ ही आरामदायक यात्रा होगी। वहीं, आइएफसी की जगह एलएचबी कोच लगने से ट्रेन की रफ्तार बढ़ जाएगी। दरअसल, उच्च स्तरीय तकनीक से लैस इस कोच में बेहतर शाक एक्जावर का उपयोग होता है। सफर के दौरान आवाज कम होता है। वजन में हल्के कोच डिस्क ब्रेक के कारण कम समय व कम दूरी में बेहतर काम करते है। सीबीसी कपलिंग के कारण यह कोच दुर्घटना में भी नहीं टूटते और डिब्बे एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते। कोच में कंट्रोल्ड डिस्चार्ज टायलेट सिस्टम रहता है।

जनरल और स्लीपर क्लास की बोगियां भी बढ़ जाएगी। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार एलएचबी कोच पुराने कन्वेशनल कोच से काफी अलग है। यह उच्च स्तरीय तकनीक से लैस है। इन कोचों में बेहतर एक्जावर का उपयोग किया गया है। आवाज कम होती है। पटरियों पर दौड़ते वक्त अंदर बैठे यात्रियों को ट्रेन के चलने की आवाज बहुत धीमी आती है। इसके कोच स्टील से बने होते हैं। इंटीरियर डिजाइन एल्यूमीनियम से की जाती है। यह कोच पहले की तुलना में थोड़े हल्के होते हैं। इन कोचों में डिस्क ब्रेक कम समय व कम दूरी में अच्छे ढंग से ब्रेक लगाते हैं। सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर ट्रेन डिरेल भी होती है, तो कपङ्क्षलग के टूटने की आशंका नहीं होती है। स्क्रू कपल‍िंग वाले कोचों के डिरेल होने से उसके टूटने का डर बना रहता है।


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