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Indian Railways : हर कोई लांघ रहा 'लक्ष्मण रेखा', संक्रमण का चेन बढऩे का खतरा

Indian Railways भागलपुर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसके बाद भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं। इससे संक्रमण का चेन लंबा हो रहा है। इस ओर प्रशासन का भी ध्‍यान नहीं है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 09:47 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 09:47 AM (IST)
Indian Railways : हर कोई लांघ रहा 'लक्ष्मण रेखा', संक्रमण का चेन बढऩे का खतरा
Indian Railways : भागलपुर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, भागलपुर।  किऊल से चलकर मालदा टाउन जा रही इंटरसिटी स्पेशल रविवार की शाम 4.30 बजे एक नंबर प्लेटफॉर्म पर रुकी। पैसेंजर इस ट्रेन पर सवार होने के लिए टूट पड़े। हर किसी में कोच में सवार होने की बेचैनी दिखी। ट्रेन समय से चार मिनट देर से पहुंची थी। यात्रियों के कोच में जाने के बाद जागरण की टीम भी ट्रेन के डी-छह कोच में प्रवेश कर गई। कोच के अंदर की हालत बेहद चिंताजनक की। ज्यादातर पैसेंजर मास्क नहीं पहने हुए थे। सीट पर पैसेंजर इस कदर सट कर बैठे थे मानो कोरोना वायरस से पूरी तरह अनजान हैं। पूरे कोच की स्थिति यही रही। कोई शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते दिखे। हर किसी ने हर किसी ने 'लक्ष्मण रेखाÓ लांघी। किसी को न डर था और न बीमारी फैलने की ङ्क्षचता। अब इस कोच से निकलकर दूसरे कोच में टीम गई। वहां की हालत भी कमोबेश पहले की तरह कोच जैसी थी। समय कम होने की वजह से कुछ मिनट बाद जागरण टीम निकलकर दूसरे कोच में गई। इस कोच में सीट के हिसाब से पैसेंजर थे। मतलब 106 सीट पर 106 पैसेंजर। कुछ पैसेंजर सीट के ऊपर वाले स्टैंड (रैक) पर सोए थे। घड़ी का कांटा 4.40 छूने वाला था, इस बीच सिग्नल भी हो गया और गार्ड साहब की सीटी भी बज गई...। ट्रेन भागलपुर को छोड़ रही थी। फिर हम भी उतर गए।

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जबरन प्रवेश कर रहे लोग

दिन में किऊल से मालदा के बीच एक ही इंटरसिटी ट्रेन है। ट्रेन स्पेशल बनकर चल रही। इस ट्रेन से हर दिन पुलिस के जवान और लोकल यात्री बिना टिकट के सफर कर रहे हैं। जब मुख्य गेट पर इंट्री नहीं करने दिया जाता या फिर टिकट की मांग की जाती है तो वे लोग सीधा उलझ जाते हैं। रविवार की शाम भी कुछ ऐसा ही नजारा दिखा। दो बिहार पुलिस के जवान इंटरसिटी पकडऩे के लिए मुख्य प्रवेश द्वार से प्रवेश करने लगे। जब यात्री ने रोका तो उलझ गए। काफी देर तक तू तू मैं मैं होती रही, लेकिन जवान नहीं मानें और जबरन प्रवेश कर गए। दो दिन पूर्व भी जीआरपी इंस्पेक्टर ने जवानों को मुख्य गेट से प्रवेश नहीं होने की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके जवान मानने को तैयार नहीं हैं।  


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