Indian Rail : पटरी से उतरी स्टॉफ स्पेशल, 20 जख्मी, बजा हूटर, मचा हड़कंप, जानिए
Indian Rail रेल दुर्घटना को रोकने के लिए मॉकड्रिल किया गया। इस दौरान मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार भी वहां पहुंचे थे। उन्होंने राहत और बचाव की जानकारी ली। रेल हादसे को कैसे नियंत्रित करें इसके बारे में बताया।
भागलपुर, जेएनएन। Indian Rail : सुबह के 10 बजे थे। इस बीच रेलवे का सायरन (हूटर) बजने लगा। सायरन की आवाज सुनकर मालदा रेल मंडल सिहर उठा। किसी बड़ी रेल दुर्घटना की आशंका से अफरातफरी मच गई। क्वार्टरों में रहने वाले रेलकर्मी और स्थानीय लोग स्टेशन की तरफ दौड़ पड़े। कई ने पूछताछ की ओर रुख किया तो कई रेलवे के दफ्तरों में फोन करने लगे। सूचना मिली की मालदा स्टेशन पर स्टॉफ स्पेशल ट्रेन बेपटरी हो गई है, 20 लोग जख्मी हो गए हैं। यह सूचना प्रसारित होते ही एनडीआरएफ, पुलिस और पूरा रेल महकमा घटनास्थल के लिए दौड़ पड़ी। दरअसल, यह एक मॉकड्रिल थी और कंट्रोल रूम को यह सूचना रेल दुर्घटना होने पर खोज, राहत और बचाव कार्य का अभ्यास करने के लिए दी गई थी।
मॉकडिल के लिए एनडीआरएफ मालदा रेल मंडल ने बाकायदा ट्रेन दुर्घटना का वह सीन तैयार किया जिसमें ट्रेन के कोच पटरी से उतर गई थी। विधुतीकरण का खंभा भी लटक गया था। डीआरएम यतेंद्र कुमार भी राहत व बचाव दल के साथ स्टेशन पहुंच गए। फटाफट रेस्क्यू करने के लिए टीम को निर्देश दिए। डीआरएम की निगरानी में पूरे ढाई घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला।
सूचना के बाद एनडीआरएफ की टीम अत्याधुनिक उपकरणों के साथ फिजिकल व टेक्निकल सर्च करके फंसे एवं घायल यात्रियों को चिन्ह्ति किया। सभी को कोच से सुरक्षित निकाला गया और बेहतर इलाज के लिए भेजा गया।
मॉकड्रिल में सभी ने दिखाई सतर्कता
मॉकड्रिल के दौरान रेल मंडल के विभिन्न विभागों ने अपनी सतर्कता दिखाई। रेलवे अस्पताल के डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी घटना की सूचना पाकर तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गए थे। वहीं, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, सिग्नल एंड टेलीकॉम कम्यूनिकेशन, कॉमर्शियल विभागों के कर्मचारी पहुंच कर बचाव में जुट गए थे।
कर्मचारियों की जांची गई सतर्कता
रेल दुर्घटना के दौरान बरते जानेवाले तमाम उपाय, कर्मचारियों की सतर्कता, रिलीफ ट्रेन की स्थिति, घायलों को अस्पताल पहुंचाने, सहायता पहुंचाने को लेकर मॉक ड्रिल किया गया। इस प्रकार का अभ्यास रेलवे द्वारा बीच-बीच में किया जाता है।
क्यों बजता है सायरन
रेलवे में किसी प्रकार की घटना होने पर सायरन बजाकर संबंधित विभाग के कर्मचारियों को जानकारी दी जाती है। वहीं, संबंधित विभाग के कर्मचारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में पहुंचते हैं। रेल हादसा होने पर एक सायरन बजाया जाता है।