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नेताओं को टारगेट करने की फिराक में इंडियन मुजाहिदीन

आइएसआइ देश में चुनावी मौसम को देखते हुए बड़े पैमाने पर ¨हसा फैलाने की ताक में है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 02:51 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 03:01 PM (IST)
नेताओं को टारगेट करने की फिराक में इंडियन मुजाहिदीन
नेताओं को टारगेट करने की फिराक में इंडियन मुजाहिदीन

भागलपुर (कौशल किशोर मिश्र)। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ देश में चुनावी मौसम को देखते हुए बड़े पैमाने पर ¨हसा फैलाने की ताक में है। इसके लिए बिहार में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों को सक्रिय कर दिए जाने की बात सामने आ रही है। सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों की काली योजना की भनक पर सतर्क हो उनके मंसूबे को ध्वस्त करने में लग गई है। इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार अबतक की तकनीकी निगरानी में मिले संकेतों पर यह बात सामने आई है कि चुनावी दौरे में देश के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाने की उसकी काली योजना है। आइएसआइ संचालित आतंकी संगठनों को यह जिम्मा भी दिया गया है कि देश में बड़े पैमाने पर ¨हसा फैला आंतरिक उथल-पुथल की स्थिति पैदा करे। इसके लिए आतंकी संगठनों से जुड़े स्लीपर सेल को सक्रिय कर दिए जाने की बात कही जा रही है। इनमें केंद्र से बिहार दौरे पर आने वाले भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, समेत भाजपा के कई प्रमुख केंद्रीय नेता, संघ से जुड़े बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं। पिछले माह पंजाब प्रांत में इंजीनिय¨रग की पढ़ाई कर रहे आतंकी गतिविधियों में लिप्त कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी। उनके पास से एके-47 और पिस्टल की बरामदगी बाद उनसे पूछताछ में भी कई चौकाने वाली जानकारियां सुरक्षा एजेंसियों को प्राप्त हुई है। सुरक्षा एजेंसियां मिले इनपुट के आधार पर बिहार के सीमांचल, दरभंगा और भागलपुर के अलावा झारखंड के रांची, धनबाद, दुमका, जमशेदपुर, देवघर, गोड्डा आदि इलाके की निगरानी बढ़ा दी है। सुरक्षा एजेंसियां बिहार के दरभंगा, सीमांचल के जिलों के अलावा भागलपुर और झारखंड के रांची और धनबाद में भी आतंकी गतिविधियों से संबंधित पुरानी फाइलें खंगालनी शुरू कर दी है। सूबे के भागलपुर में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने 28 साल पूर्व कश्मीरी आतंकी मुन्ना कश्मीरी के सहारे भागलपुर के दस युवकों को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिला पूर्वी बिहार को दहलाने की साजिश रची थी। तब 3 मई 1994 में भागलपुर पुलिस ने साजिश का खुलासा करते हुए मुहम्मद सलालुद्दीन समेत दस लोगों को गिरफ्तार किया था। जिसमें मुहम्मद सऊद, दाऊद बख्श, मुहम्मद इस्तेखार, मुहम्मद सर्फ उर्फ गुलाम कादिर, लाल मुहम्मद उर्फ लाल बाबू, मुहम्मद शमशेर, मुहम्मद नौशाद, मुहम्मद तबरेज और गयानंद मंडल शामिल थे। भागलपुर पुलिस ने तब एक क्विंटल घातक विस्फोटक, कई डेटोनेटर, उपकरण आदि बरामद किए गए थे। बरामद विस्फोटक की जांच में यह बात सामने आई थी कि विस्फोटक प्लास्टिक श्रेणी के थे जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर विस्फोट कराने में किया जाता रहा है। तब सूबे मे टाडा मामले में पहली प्राथमिकी भागलपुर के हबीबपुर थाने में दर्ज की गई थी।

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