राह चलते मोबाइल से बात कर रहे हैं, समलें... आप पर है झपटमारों की नजर
शहर में मोबाइल झपटमार गिरोह की सक्रियता बढ़ गई है। जो शहर में पुलिस के सुरक्षा व्यवस्था को दिनदहाड़े चुनौती दे रहे हैं। इन झपटमारों पर पुलिस लगाम लगा पाने में विफल हो रही है।
भागलपुर (जेएनएन)। यदि आप भागलपुर शहर में कहीं सड़कों पर मोबाइल से बात कर रहे हैं तो सतर्क रहें। अन्यथा छोटी सी लापरवाही आपको परेशानी में डाल सकती है। शहर में मोबाइल झपटमार गिरोह की सक्रियता बढ़ गई है। जो शहर में पुलिस के सुरक्षा व्यवस्था को दिनदहाड़े चुनौती दे रहे हैं। मगर इन झपटमारों पर पुलिस लगाम लगा पाने में विफल साबित हो रही है। बुधवार को भी विश्वविद्यालय इलाके के मारवाड़ी कॉलेज के सामने सुबह-सुबह टीएनबी कॉलेज के बीएससी पार्ट वन के छात्र का बाइक सवार अपराधियों ने मोबाइल छिन लिया। वह मूलरूप से कटिहार जिले के बरारी का रहने वाला है।
एक हफ्ते के भीतर हुई है पांच छिनतई की वारदात
शहर में एक हफ्ते भीतर तीन कुल पांच छिनतई की वारदात को बाइक सवार बदमाशों ने अंजाम दिया है। इसमें विश्वविद्यालय इलाके में हुई दो छात्रों से छिनतई की वारदात, तिलकामांझी बस स्टेंड के पास हुई छिनतई की वारदात, जोगसर इलाके के हुई छिनतई की वारदात शामिल है। पुलिस अब तक इन मामलों का उद्भेदन कर पाने में सफल नहीं हो पाई है। इन सभी घटनाओं को बदमाशों ने बाइक से ही अंजाम दिया है। इस घटनाओं के उद्भेदन में अब तक पुलिस को सफलता हाथ नहीं लगी है।
सड़कों पर चलते समय ना करें मोबाइल का प्रयोग
यदि आपको अपना मोबाइल सुरक्षित रखना है तो राह पर पैदल चलते समय मोबाइल का कतई प्रयोग नहीं करें। अभी झपटमारों की सक्रियता विश्वविद्यालय, तिलकामांझी, जोगसर, आदमपुर इलाके में हो गई है। ऐसे में सैंडिस कंपाउंड, डिक्सन मोड़ रोड, मारवाड़ी कॉलेज रोड, जोगसर रोड मेडिकल कॉलेज रोड, खंजरपुर रोड, उल्टापुल समेत अन्य स्थानों पर झपटमार बाइक से राउंड मारते रहते हैं। बदमाश सबसे ज्यादा छात्र-छात्राओं के मोबाइल को निशाना बनाते हैं। हाल ही में जो छिनतई की वारदात हुई है, वो छात्रों से ही हुई है। ऐसे में उन्हें इस मामले में सतर्कता बरतनी होगी।
वारदात होने के बाद तत्काल गाड़ी का करें नंबर नोट
यदि किसी के साथ बदमाश छिनतई की वारदात को अंजाम देते हैं तो तत्काल उन्हें गाड़ी का नंबर नोट कर लेना चाहिए। यदि संभव हो तो बाइक का कलर और बदमाशों का हुलिया भी पहचानने की कोशिश हो। हालंाकि बाइक सवार बदमाश इतनी तेजी में होते हैं कि उनकी पहचान मुश्किल होती है। मगर जहां तक संभव हो, पहचान की कोशिश होनी चाहिए। वहीं वारदात होते ही सबसे पहले स्थानीय पुलिस को सूचना देना चाहिए और एफआइआर दर्ज करानी चाहिए। ताकि बदमाशों द्वारा छिने गए मोबाइल से किसी तरह का अपराध नहीं होने की स्थिति में धारक ना फंसे।