Flood : गंगा-कोसी के जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती इलाकों में बढ़ा दवाब, गांवों में कटाव तेज
Flood भागलपुर और नवगछिया इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग दहशत में हैं। कटाव जारी है।
भागलपुर, जेएनएन। पिछले एक सप्ताह से गंगा एवं कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से तटवर्ती इलाकों में पानी का दवाब बढ़ गया है। बाढ़ नियंत्रण कार्यलय के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि रोजाना कटाव स्थल का निरक्षण कर रिपोर्ट भेजी जा रही है। अभी स्थिति नियंत्रण में है। 24 घंटे में 10 से 12 सेंटीमीटर जलस्तर की वृद्धि हुई है। वर्तमान में कोसी नदी का जलस्तर 28.75 मीटर और गंगा नदी का जलस्तर 29.2 मीटर पर है।
रानीदियारा और टपुआ से 100 कीदम की दूरी पर पहुंची गंगा, दहशत
कहलगांव के रानीदियारा और टपुआ गांव में गंगा नदी का कटाव तेज हो गया है। अब आबादी से गंगा की दूरी महज 100 कदम रह गई है। यह देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है। अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया है। जान-माल की सुरक्षा के लिए गांववाले सुरक्षित जगह तलाशने लगे हैं। रानीदियारा का तीन हिस्सा तो पिछले साल ही कटकर गंगा में समा गया था, जिसमें चार हजार लोग विस्थापित हो गए थे। कटाव की यही रफ्तार रही तो बचा हिस्सा भी इस साल गंगा में विलीन हो जाएगा। ऐसा हुआ तो दो हजार की आबादी विस्थापित हो जाएगी। टपुआ गांव की दो हजार आबादी डर के साये में जी रही है। गांव को कटाव से बचाने के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपये खर्च कर 1800 फीट लंबा सुरक्षा तटबंध बनाया गया था, जिसमें भी कटाव शुरू हो गया है।
टपुआ के ग्रामीण सुनील और सौरव ने कहा कि हमलोगों को जिला प्रशासन ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है। गांव को बचाने के लिए अब तक कटाव निरोधी कार्य शुरू नहीं किया गया है। तटबंध निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। यही कारण है कि कटाव का पहला झोका भी तटबंध नहीं सह सका और बिखर कर गंगा में समाने लगा है। तटबंध पर ही गांव का अस्तित्व बचा है। तटबंध को नहीं बचाया गया तो गांव की पूरी आबादी विस्थापित हो जाएगी। तत्काल कटाव निरोधी कार्य शुरू कराने की मांग ग्रामीणों ने की है। राजकीय बुनियादी विद्यालय भी कटाव के मुहाने पर आ गया है।