सीबीसीएस की पढ़ाई कराने में जताई असमर्थता, अकेले होने की दी दुहाई
तिमांविवि में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू होना संभव नहीं दिख रहा है। प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के समन्वयक ने सीबीसीएस की पढ़ाई पर असमर्थता जाहिर की है।
भागलपुर (जेएनएन)। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू होना संभव नहीं दिख रहा है। प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के समन्वयक ने सीबीसीएस की पढ़ाई पर असमर्थता जाहिर की है। समन्वयक ने विवि को पत्र लिखकर कहा है कि वे विभाग में अकेले शिक्षक हैं, ऐसे में अतिरिक्त पढ़ाई संभव नहीं है।
पीजी के दूसरे सेमेस्टर का सातवां पेपर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) होता है। विवि के एकेडमिक काउंसिल एवं परीक्षा बोर्ड ने सातवें पेपरों का निर्धारण कर पढाई के लिए नोडल सेंटर बनाया। पीजी इतिहास विभाग ही नहीं वरन पीजी प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग को एक सेंटर बनाया गया है। क्योंकि सातवें पेपर में पुरातत्व एक पेपर है। टिल्ला कोठी स्थित पीजी प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के समन्वयक ने शिक्षकों की कमी के कारण विवि को लिखा है कि पढ़ाई करने में असमर्थ हैं।
पीजी प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के समन्वयक मदन अहिल्या महिला महाविद्यालय के शिक्षक हैं और अभी प्रतिनियुक्ति पर हैं। कागज पर उनको वेतन कॉलेज से ही मिलता है और कागज पर ही वे विभाग के समन्वयक हैं। पीजी प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के समन्वयक के सीबीसीएस की पढ़ाई से हाथ पीछे खींचने के बाद अब सवाल उठता है कि पीजी इतिहास विभाग के छात्र-छात्राएं एवं सुंदरवती महिला महाविद्यालय में पीजी इतिहास की पढ़ाई कर रहीं छात्राएं कहां जाएंगी। के जबकि मूल रूप से पुरातत्व इतिहास का ही विषय है। पीजी प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के समन्वयक अकेले होने की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन मारवाड़ी कॉलेज में इतिहास, आइआरपीएम में एक ही शिक्षक हैं।
यहां इंटर से लेकर ऑनर्स तक की पढ़ाई हो रही है। मजेदार बात यह है कि सुंदरवती महिला कॉलेज में राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, उर्दू, संगीत, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान विभागों में एक ही शिक्षक हैं, फिर भी इंटर से लेकर एमए तक की पढ़ाई हो रही है।