स्वस्थ्य पुरानी परंपरा की स्कूलों में फिर होगी शुरूआत, मॉनिटर पर आएगी कई जिम्मेदारी Bhagalpur News
अब सभी स्कूलों में बाल संसद को भी सशक्त बनाया जाएगा। जिसके तहत प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों का चुनाव नियमित रूप से होगा। बाल संसद की बैठक भी साप्ताहिक होगी।
भागलपुर [जेएनएन]। कक्षा में शिक्षक की अनुपस्थिति पर व्यवस्था को देखने की जिम्मेदारी अब मॉनिटर पर होगी। यह स्वस्थ्य व्यवस्था लंबे समय से चली आ रही थी, लेकिन इधर कुछ दशकों से आधुनिकता के दौर में यह लगभग विलुप्त सा हो गया था। जिसकी कमी से शिक्षकों की गैर मौजूदगी में कक्षा के बच्चों को अनुशासनहीनता की खुली छूट मिल जाती थी। शिक्षा विभाग ने फिर से पुरानी व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने की कवायद तेज कर दी है।
लोकतांत्रिक तरीके से होगा मॉनिटर का चुनाव
नई पहल में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत कक्षा के बच्चे अब अपने मॉनिटर का चुनाव करेंगे। सभी कक्षाओं के मॉनिटरों का प्रत्येक सप्ताह शिक्षकों के साथ बैठक होगी। जिसमें मॉनिटर शिक्षकों को अपनी-अपनी कक्षा के बच्चों की गतिविधियों की जानकारी देंगे। इस व्यवस्था के तहत प्रारंभिक विद्यालय से लेकर उच्च विद्यालय तक मॉनिटर का चुनाव होगा।
बाल संसद को भी बनाया जाएगा सशक्त
अब सभी स्कूलों में बाल संसद को भी सशक्त बनाया जाएगा। जिसके तहत प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों का चुनाव नियमित रूप से होगा। बाल संसद की बैठक भी साप्ताहिक होगी। बैठक के दौरान विद्यालय की व्यवस्था से लेकर साफ-सफाई तथा सामाजिक गतिविधियों पर भी शिक्षकों के साथ चर्चा होगी। जन जागरूकता के लिए बच्चों को जल बचत का पाठ पढ़ाया जाएगा। ताकि वे अन्य लोगों को भी जागरूक कर सके। इस दिशा में डीईओ ने जिन स्कूलों में अब तक बाल संसद का गठन नही हुआ है वहां जल्द इसका गठन करने का निर्देश दिया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी मधूसूदन पासवान ने कहा कि मॉनिटर की व्यवस्था होने से बच्चों के बीच अनुशासन का भाव विकसित होगा। बाल संसद में जनसरोकार पर भी शिक्षकों के साथ चर्चा होगी। बाल संसद और मॉनिटर के चुनाव में बच्चे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी समझ पाएंगे।