बाग-बगीचों में आम-लीची के साथ ही होगी ओल, अदरक व हल्दी की खेती, जानिए.. आप कैसे प्राप्त करें अनुदान
भागलपुर के किसानों को दोगुना लाभ की योजना बनी है। आम-लीची के साथ अदरक हल्दी और ओल की खेती होगी। पेड़ के नीचे खाली पड़ी जमीन पर होगी खेती सरकार करेगी मदद। दिसंबर से अनुदान मिलना शुरू हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अब बाग-बगीचों में ओल, अदरक और हल्दी की भी खेती होगी। इससे किसानों को दोगुना लाभ होगा। किसान फल के साथ ओल, अदरक व हल्दी बेचकर भी लाभ कमाएंगे। इसकी खेती के लिए उद्यान विभाग किसानों की मदद करेगा। सरकार से 50 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। किसानों को आनलाइन आवेदन जमा करना होगा। दिसंबर से अनुदान मिलना शुरू हो जाएगा। पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर अनुदान मिलेगा।
दो सौ हेक्टेयर में होगी हल्दी की खेती
जिले में दो सौ हेक्टेयर में हल्दी की खेती होगी। दो सौ हेक्टेयर के लिए ही किसानों को अनुदान मिलेगा। एक किसान को कम से कम .36 हेक्टेयर यानी 90 डिसमिल में खेती करनी होगी। एक किसान को अधिकतम दो यूनिट का लाभ मिल सकता है। एक यूनिट की खेती के लिए किसान को 22 हजार तीन सौ रुपये लागत आएगा। सरकार की ओर से किसान को 11 हजार 150 रुपये मिलेगा। 50 हेक्टेयर में ओल की खेती का लक्ष्य दिया गया है। एक किसान न्यूनतम 90 डिसमिल खेती कर सकते हैं। एक यूनिट की खेती के लिए किसानों को लागत मूल्य 82 हजार रुपये आएगा। 41 हजार रुपये किसान को सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा। 30 हेक्टेयर में अदरक की खेती होगी। एक यूनिट की खेती के लिए किसान को 76 हजार रुपये लागत मूल्य आएगा। सरकार की ओर से 38 हजार रुपये अनुदान दिया जाएगा। एक किसान न्यूनतम 90 डिसमल खेती कर सकते हैं।
60 प्रतिशत जमीन रहती है खाली
आम और लीची के बगीचों में 40 प्रतिशत भूमि पर ही पेड़ लगे होते हैं। शेष 60 प्रतिशत जमीन खाली रहती है। खाली पड़ी जमीन पर ओल, अदरक और हल्दी की खेती होगी। इन फसलों को धूप कम मिलने पर भी उत्पादन पर असर नहीं पड़ता है। अंर्तवर्ती फसल योजना 12 जिलों में लागू किया गया है, जिसमें भागलपुर भी है।
बाग-बगीचे में किसान ओल, अदरक और हल्दी की खेती कर सकते हैं। इसके लिए आनलाइन आवेदन जमा लिया जा रहा है। किसानों को इसके लिए 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। - विकास कुमार, सहायक निदेशक उद्यान