मिलिए 71 के युद्ध में पाक पर बम बरसाने वाले हीरो से, Air Strike को बताया सही कदम
1994 में इंडियन एयरफोर्स से सेवानिवृत्त विंग कमांडर मु. जफर उल्ला फाइटर प्लेन चलाने के उस्ताद कहे जाते रहे। उन्होंने बताया पोखरण परमाणु परीक्षण के दौरान भी वे टीम में शामिल थे।
भागलपुर [रजनीश]। 1971 में हुए युद्ध के हीरो और इंडियन एयरफोर्स के रिटायर्ड विंग कमांडर मु. जफर उल्ला पुलवामा में आतंकियों के कायराना हमले के बाद काफी गुस्से में थे। पर वायुसेना की इस कार्रवाई ने उन्हें खुशी दी है। भागलपुर के तातारपुर मोहल्ले में रहने वाले जफर उल्ला कहते हैं 1971 में उनकी तैनाती आसाम के जोरहाट में थी। उस समय भी उन्होंने ठीक ऐसे ही दुश्मनों पर बमों की बौछार की थी। यह कहते ही उनकी आंखों में चमक आ जाती है। बताते हैं मिराज विमान से पहले 1978-80 की दौर में एयर क्राफ्ट एन-32 देश का मुख्य फाइटर विमान था। उन्हें इस बात का गर्व है कि वे वर्ष 1978 में एन-32 को रूस से भारत लाने गए थे। हालांकि एन-32 के बाद एन-12 और एन-56 फाइटर प्लेन भी इन्होंने बखूबी चलाया है।
1994 में इंडियन एयरफोर्स से सेवानिवृत्त विंग कमांडर मु. जफर उल्ला फाइटर प्लेन चलाने के उस्ताद कहे जाते रहे। दैनिक जागरण से खास बातचीत में उन्होंने बताया पोखरण परमाणु परीक्षण के दौरान भी वे टीम में शामिल थे। पाकिस्तान पर हमले के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश सबसे ऊपर है। देश से ऊपर न हम और न कुछ। जब बात देश की आए तो हमें एकजुट होकर दुश्मनों को जवाब देना चाहिए। यदि सरकार मुझे बुलाए तो अभी भी दुश्मनों से एक एक हाथ करने को तैयार हूं।
एयरफोर्स में जाते ही 1971 में पहली लड़ाई
मु. जफर उल्ला एयरफोर्स 1971 में गए थे। इनके ज्वाइन करने के बाद ही भारत-पाक के बीच जंग हुई थी। कहते हैं मुझे वह सौभाग्य मिला जैसे ही ट्रेनिंग समाप्त हुई तभी जंग में शामिल होने का मौका मिला। नतीजा, दुश्मनों को धूल चटा दी।
रडार जाम के लिए युद्ध में ज्यादा फाइटर प्लेन का होता है इस्तेमाल
मु.जफर उल्ला ने बताया कि सभी ने देखा कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर 12 मिराज फाइटर विमान से अटैक किया गया है। इनमें से 7 या 8 ने बमबारी की होगी। अन्य प्लेन पाकिस्तान के रडार को जाम करने के लिए इस्तेमाल किए गए। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि दुश्मन देश इनमें उलझा रहे और हम टारगेट को पूरा कर सके। पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक-2 करने वाला महाशक्तिशाली एयर क्राफ्ट मिराज-2000 पल भर में तबाही मचा सकता है। इस सर्जिकल स्ट्राइक में दौरान जिन 12 फाइटर प्लेन को मैदान-ए-जंग में उतारा गया था। उन्होंने बताया कि 18000 पाउंड बारूद और अन्य आधुनिक हथियार ढोने की क्षमता मिराज में है। आधुनिक हथियार,परमाणु बम लोड होता है। एन-32 में 12 हजार पाउंड बारूद ही ले जाया सकता था।
पाकिस्तान को तहस-नहस करने में वायु सेना सक्षम
भारतीय वायु सेना में दुश्मन को तहस-नहस करने की अपार क्षमता है। इसका एक छोटा सा उदाहरण है मंगलवार को पाकिस्तानी आतंकियों के ठिकाने को नष्ट करना। पुलवामा की घटना के बाद सर्जिकल स्ट्राइक -2 की इस कार्रवाई से देशवासियों के दिल को ठंडक पहुंची है। उक्त बातें सबौर निवासी भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त जूनियर वारंट ऑफिसर संजीव कुमार ने कही। उन्होंने कहा हम अपने वायु सेना की क्षमता जानते हैं। हमें अपनी सेना पर गर्व है। अगर हमारी जरूरत पड़ी तो आज भी सेवा देने को तैयार हूं। देश के तिरंगे को कभी झुकने नहीं दूंगा। इस बदले से शहीदों के परिवार को सुकून मिला होगा।