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भावविभोर और अश्रुपूर्ण नेत्रों से श्रद्धालुओं ने दी मां दुर्गे को विदाई, विसर्जन शुरू Bhagalpur News

आज दोपहर बाद से दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया। विसर्जन देर रात तक जारी रहेगा। प्रशासन की ओर से पुख्‍ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 01:42 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 01:42 PM (IST)
भावविभोर और अश्रुपूर्ण नेत्रों से श्रद्धालुओं ने दी मां दुर्गे को विदाई, विसर्जन शुरू Bhagalpur News
भावविभोर और अश्रुपूर्ण नेत्रों से श्रद्धालुओं ने दी मां दुर्गे को विदाई, विसर्जन शुरू Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। दुर्गापूजा की समाप्ति के बाद मां दुर्गे की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला बुधवार की दोपहर से शुरू हो गया। विभिन्न पूजा समितियों और श्रद्धालुओं ने धार्मिक रीति रिवाज का पालन करते हुए मां दुर्गा की प्रतिमाओं को मुसहरी घाट, बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट सहित विभिन्न तालाबों व पोखरों में प्रवाहित किया जाएगा। पूजा पंडालों में महिलाओं ने विदाई के पूर्व माता को खोंइछा दिया। महिलाओं ने विदाई गीत भी गाईं। पंडालों से प्रतिमाओं को निकालने के समय आयोजकों के चेहरे पर मायूसी छाई थी।

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मां दुर्गा की प्रतिमा शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ देर शाम स्टेशन चौक पहुंचेगी। स्टेशन चौक पर पहुंचने पर मां दुर्गा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। शाम बजे से मारवाडी पाठशाला में स्‍थापित जुवक संघ की प्रतिमा शोभा यात्रा स्टेशन चौक पहुंचेगी। इस दौरान सुजागंज बाजार, खलीफाबाग, आदमपुर, खंजरपुर व मायागंज के पास प्रतिबंध के बावजूद पूजा समितियों के सदस्यों द्वारा विसर्जन शोभा यात्रा में आतिशबाजी हो रही है।

घाट पर मोटरबोट के साथ गोताखोरों थे तैनात

प्रशासन की ओर से मुसहरी घाट पर तीन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। दो मोटरबोट तथा तीन गोताखोरों की व्यवस्था की गई है। रोशनी के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। जिलाधिकारी, एसएसपी, नगर आयुक्त, सदर एसडीओ, नगर डीएसपी, समेत कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए विसर्जन होने तक मुसहरी घाट पर मौजूद थे। वहीं, दुर्गा पूजा महासमिति के अधिकारी व सदस्य स्टेशन चौक पर दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभा यात्रा को स्टेशन चौक से आगे बढ़ाने में प्रशासन का सहयोग करेंगे।

सिंदूर खेल रस्म के बाद बड़ी दुर्गा की हुई विदाई

नवरात्र के बाद बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। नौ दिन तक दुर्गा पूजा के बाद मंगलवार को बंगाली समाज द्वारा स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। विसर्जन पूजा के साथ ही बंगाली महिलाओं ने सिंदूर खेलकर विजयदशमी मनाई। शहर में कालीबाड़ी और दुर्गाबाड़ी सहित कई पूजा स्थल हैं जहां बंगला रीति रिवाज से मां दुर्गा की पूजा होती है। यहां सिंदूर खेल के इस रस्म को देखने बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। शहर में दुर्गापूजा के दौरान कई जगहों पर बड़े-बड़े पंडाल बनाए जाते हैं, मेला लगता है लेकिन परंपरा और संस्कृति के लिहाज से दुर्गाबाड़ी, कालीबाड़ी, महाशय ड्योढ़ी दुर्गा मंदिर का बेहद खास है। आज भी लोग यहां वही परंपरा और संस्कृति की झलक देखने आते हैं। दुर्गाबाड़ी से जुड़ी महिलाओं ने तो बकायदा एक रंग का बंगाली परिधान पहन रखा था।

ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा साल में एक बार अपने मायके आती हैं। जितने दिन तक मां मायके में रुकती हैं उसे दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि मां दुर्गा मायके से विदा होकर जब ससुराल जाती हैं, तो सिंदूर से उनकी मांग भरी जाती है। साथ ही दुर्गा मां को पान और मिठाई भी खिलाई जाते हैं। हिंदू धर्म में सिंदूर का बहुत बड़ा महत्व होता है। सिंदूर को महिलाओं के सुहाग की निशानी कहते हैं। सिंदूर को मां दुर्गा के शादी शुदा होने का प्रतीक माना जाता है। इसलिए नवरात्रि पर सभी शादी शुदा महिलांए एक दूसरे पर सिंदूर लगाती हैं।

खोइंछा मिलन होगा

मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन देर रात तक होगा। नगर में कड़ी सुरक्षा के बीच सभी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। प्रतिमा विसर्जन से पहले पंडालों में नम आंखों से देवी दुर्गा को विदाई दी गई। कहीं सिंदूर की होली खेली गई तो कहीं देवी बहनों का खोंइंछा मिलन कराया गया। इसे देखने काफी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्टेशन चौक पर परबत्ती की बड़ी देवी जी की प्रतिमा और मिरजान सहित अन्य प्रतिमाओं के साथ खोइंछा मिलन होगा। इसे देखने के लिए उमड़े भक्तों की आंखें डबडबा गईं। जय माता दी के जयकारे से फिजा भक्तिमय हो गया। फूलों की वर्षा के बीच आस्था की सरिता में गोते लगा रहे भक्त मां के अंतिम दर्शन कर उनके चरण स्पर्श को बेताब दिखे। स्टेशन चौक से मानिक सरकार चौक तक सड़क के दोनों ओर खड़े भक्त हाथों में फूल लिए देवी का इंतजार कर रहे हैं। पौराणिक परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के बीच खोइंछा की अदला-बदली की जाएगी।

भीड़ से पटी रहीं सड़कें, मेले का लोगों ने लिया आनंद

तीन दिनों तक शहर की सड़कें लोगों की भीड़ से खचाखच रही। अष्टमी, नवमीं और विजयादशमी को दशहरा मेला घुमने के लिए लोगों के आने का सिलसिला जारी रहा। समय के साथ लोगों के आने का क्रम भी बढ़ता जा रहा था। शाम छह बजे के बाद शहर की सभी सड़कें पर मेला घुमने वालों से पट गई। मिरजानहाट से लेकर उल्टा पुल, स्टेशन से चौक से लेकर परबत्ती तक महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग मेले का लुत्फ लेते दिखे। कहीं कंधे पर सवार बच्चे तो कहीं माता-पिता के हाथ पकड़ सड़क पार करते बच्चे दिखे। पूरा शहर मेले में तब्दील हो गया है। भीखनपुर से कचहरी चौक तक की सड़क पर लोगों की भीड़ रही। पैदल, बाइक और वाहन से मेला देखने के लोग पहुंचे थे।

भीड़ होने की वजह से पुलिस से कई जगहों पर बेरीकेडिंग की व्यवस्था कर रखी थी। लोगों को वाहन खड़ा कर पैदल ही पूजा-पंडाल तक जाना पड़ा। कचहरी चौक से एमजी रोड, घंटाघर से पटल बाबू रोड, खलीफाबाग चौक, वेराइटी चौक, आदमपुर से खंजरपुर और तिलका मांझी तक मेला देखने वालों का हुजूम लगा रहा। पंडाल के आसपास लगी खिलौने की दुकानों से लोगों ने बच्चे के लिए खिलौने खरीदे। दुकानों से लेकर शॉपिंग मॉल तक हर जगह भीड़ का रेला दिखाई दी। सभी अपनी-अपनी पसंद की चीजें खरीदते दिखे। बच्चों ने झूले का आनंद लिया। मारवाड़ी पाठशाला परिसर, कचहरी चौक तुल्सयान के पास बच्चे और लोगो ने चाट, चाउमिन, पाव भाजी, आइसक्रीम का लुत्फ उठाया। तरह-तरह की खिलौने और चाट-पकौड़े की दुकानें लगी हुई थीं। आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी लोग शहर में दुर्गा पूजा देखने आए थे। सड़कों पर पूजा की ऐसी रौनक है कि लोगों को आने के लिए मजबूर कर रही है।

चंपा नदी में दुर्गा प्रतिमा का हुआ विसर्जन

नाथनगर में बुधवार को शोभा यात्रा के साथ दुर्गा प्रतिमा का देर शाम चंपा नदी में विसर्जन किया गया। मनसकामना नाथ मंदिर, नाथनगर प्रखंड परिसर, केबी लाल मार्ग की तैलिक दुर्गा, स्वर्णकार के साथ पासीटोला की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। इससे पहले मंगलवार को चंपा पुल घाट पर बंगाली टोला, मकदुम शाह दरगाह घाट पर लख्खी कांत आचार्या लेन, गोपी नाथ घोष लेन, राजू महाराणा की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। जबकि मोहनपुर की प्रतिमा लालूचक घाट पर हुआ।

जिले में शांतिपूर्ण दुर्गा पूजा संपन्न

नवगछिया तेतरी के दुर्गा मंदिर में लाखों लोगों की मौजूदगी में मैया को विदाई दी गई। मंदिर से आठ अक्टूबर की शाम को बाहर निकाला गया। मंदिर के सामने प्रतिमा को चारों तरफ घुमाया गया। उसके पश्चात कलबलिया धार में प्रतिमा का विसर्जन कर दिया। भव्य प्रतिमा विसर्जन देखने के लिए कटिहार, खगडिय़ा व आसपास के क्षेत्रों से देखने आए थे। मंदिर परिसर में गोलीबारी की घटना को सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था थी। भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे। रैफ जवान को भी तैनात किया गया था। मंदिर कमेटी के लोगों का कहना था कि विसर्जन के समय नदी में एनडीआरएफ की टीम व गोताखोर मौजूद रहना चाहिए। शांति समिति की बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी आश्वासन दिया था। किंतु घाट कोई भी मौजूद नहीं था। उधर, बिहपुर में भी मां देवी दुर्गा के मंदिरों में स्थापित मातारानी की प्रतिमाओं का विसर्जन वैदिक रीति व परंपरागत तरीकों से मंगलवार व बुधवार को शांतिपूर्ण तरीके से हो गया। बिहपुर थानाक्षेत्र के भम्ररपुर,मिलकी,लत्तीपुर,बिहपुर बाजार,बभनगामा व दयालपुर की प्रतिमाओं के विसर्जन में जनसमुद्र उमड़ गया था।

कहलगांव में भी भक्तिभाव से मनाया गया दशहरा का त्योहार

कहलगांव के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे भक्ति भाव एवं र्हषोल्लाश के साथ दशहरा त्योहार मनाया गया। अनादिपुर, श्यामपुर, बटेश्वरस्थान, नन्दगोला, परशुरामचक, बोरहिया, भोलाटोला,शिवनरायणपुर, मथुरापुर संथालीटोला, औरंगाबाद, भदेश्वरस्थान, सौर, भल्लू, धनौरा, त्रिमुहान, किलादुर्गा स्थान, राजघाट, काजिपुरा, पूरबटोला,नाथलोक कोलनी, आमापुर,घोघा,ओलपुरा आदि जगहो पर स्थापित की गई दुर्गा प्रतिमा देर रात तक गंगा, सहायक नदियों, पोखर मे नम आंखो से गाजे बाजे के साथ विर्सजन जुलूस निकाल कर जयकारा लगाते हुए विर्सजित की गई।

सभी जगहों पर जमकर मेला लगा हुआ था। नाटक, जागरण, भजन, आरकेष्ट्रा का आयोजन किया गया था। इस बार कहीं भी मंदिर और पूजा पंडालो मे पुलिस बल एवं दण्डाधिकारी नजर नहीं आये। विर्सजन जुलूस मे पुलिस बल जरूर था। काजिपुरा दुर्गा प्रतिमा विर्सजन जुलूस मे आपस मे ही हुई मारपीट मे चार लोग घायल हुआ है। दो बार जमकर मारपीट की घटना हुई। प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक के बाद भी विर्सजन जुलूस मे खुलेआम डीजे बजाया गया।विर्सजन जुलूस मे शामिल पुलिस बल डीजे बजाने से रोक नही पाए। दुर्गापूजा शांतिर्पूण सम्पन्न हुआ। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।

घोघा मे स्थापित सभी दुर्गा प्रतिमा शांतिपूर्ण विसर्जित

घोघा के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में स्थापित सभी प्रतिमा का विसर्जन बुद्धवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। गोलसडक़, आमापुर, ओलपुरा व जानीडीह दुर्गा मंदिर में प्रतिमा स्थापित की गई थी सभी प्रतिमा विशाल जुलूस के साथ अपने अपने मंदिर परिसर से बैंड बाजे के साथ हर्षनाद करते हुए निकली तथा पूर्व निर्धारित गणतव्य मार्गों पर परिभ्रमण करते हुए गंगा नदी तट पहुंची जहॉ अंतिम विधिवत् पूजा अर्चना के बाद प्रतिमा को नदी में विसर्जित कर दी गई , विसर्जन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा ।

रावण वध का आयोजन

विजयादशमी के अवसर पर मंगलवार को शेरमारी बाजार दुर्गा पूजा समिति द्वारा रावण वध का आयोजन किया गया । बारिश के बावजूद रावण वध कार्यक्रम को देखने बडी तदाद में लोग पहुंचे थे।

महिलाओं ने खेली सिंदूर की होली

पीरपैंती प्रखंड के रिफयुजी कॉलानी मलिकपुर दुर्गा मंदिर में विसर्जन केे पूर्व बुधवार के दोपहर बाद महिलााओं नें मां दुर्गा की प्रतिमा को ङ्क्षसदूर चढा कर ङ्क्षसदूर की होली खेली । जो आर्कषण का केंद्र बना हुआ था । जिसे देखने लोगो की भारी भीड जुटी हुयी थी ।

कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गयी मां दुर्गा की विसर्जन शोभा यात्रा

बुधवार को अकबरनगर के मंदिर में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा गाजे बाजे के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच देर रात इंग्लिश चिचरौंन घाट पर विसर्जित कर दिया गया। विसर्जन को लेकर पूजा समिति सुबह से ही प्रतिमा को ट्रैक्टर पर लोड कर विसर्जन के लिये ले गये। करीब दो बजे दुर्गा स्थान से प्रतिमा विसर्जन शोभा यात्रा निकाली गई। प्रतिमा विसर्जन जुलूस अकबरनगर, भवनाथपुर, खेरेहिया, रसीदपुर, आलमगीरपुर होते हुए देर शाम इंग्लिश चिचरौन घाट पर श्रद्धा पूर्वक माँ को विदाई दिया। विदाई समारोह को लेकर अकबरनगर में अंचलाधिकारी शशिकांत कुमार की मौजूदगी में व थाना प्रभारी संतोष कुमार शर्मा के नेतृत्व में कई पदाधिकारी को मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया था।

देर रात तक बजता रहा डीजे प्रशासनिक मनाही के बावजूद अश्लील गानों पर मंचन

दुर्गा पूजा को लेकर प्रखंड भर में हर्षोल्लास का माहौल रहा। महाष्टमी को प्रखंड क्षेत्र के बड़ी दुर्गा मंदिर नई दुर्गा स्थान पत्थर वाली दुर्गा मंदिर पंडारी दुर्गा स्थान कबूतरी देवी स्थान आदि में महिलाओं की खासी भीड़ देखी गई। पूरे दिन मेले सा माहौल रहा वहीं नवमी और दशमी को विभिन्नन पूजा पंडालों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रखंड क्षेत्र के अबजुगंज,तिलकपुर,महेशी,मजदी, कमरगंज गंनगनिया, अशियचक, नयागांव आदि में देर रात तक प्रशासनिक मनाही के बावजूद पूजा पंडालों में तेज आवाज में डीजे बजता रहा वहीं विभिन्न पूजा पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रम में अश्लील मंचन करते कलाकार देखे गए।सुरक्षा के व्यापक इंतजाम मेला को लेकर किये गए थे।

पूर्व सांसद व भाजपा जिलाध्यक्ष ने मंदिरों में लगाई हाजिरी, बिहपुर में महाआरती में हुए शामिल

युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद बूलो मंडल ने विजयादशमी के दिन मंगलवार को बिहपुर समेत नवगछिया अनुमंडल के विभिन्न मां दुर्गा मंदिरों में हाजिरी लगाई।इस दौरान पूर्व सांसद ने पूजा किया।मंगलवार की शाम में बिहपुर के रेलवे इंजीनियङ्क्षरग दुर्गा मंदिर में पूर्व सांसद महआरती में भी शामिल हुए।इस मौके पर उनके साथ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी प्रत्याशी डा.नीतेश यादव,नंदु यादव व अलखिनरंजन पासवान आदि भी शामिल हुए। वहीं इस मंदिर में मैया की महाआरती में महानवमी को भाजपा जिलाध्यक्ष बिनोद मंडल,पूर्व प्रमुख अरङ्क्षवद चौधरी,युवा भाजपा नेता सोनू मिश्र समेत अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य महासभा के राष्ट्रीय मंत्री निरंजन साह व बिहपुर सीओ रतन लाल,आरपीएफ इंसपेक्टर रंजीत कुमार आदि भी शामिल हुए।

गुजराती गरबा व डांडिया की रही धूम

इस वर्ष भी रेलवे इंजीनियरिंग दुर्गा मंदिर,बिहपुर में गुजराती गरबा व डांडिया की धूम रही।इसके लिए महिलाओं व यवतियों ने बीते कई दिनों से न सिर्फ सामूहिक प्रैक्टिस किया।बल्कि मैया के दरबार में गरबा व डांडिया व महाआरती के दौरान इन्होंने अपने पहनावे को गुजराती व बंगाली रूप दिया था।

विसर्जन के लिए एक साथ सड़क पर उतरी दर्जन भर प्रतिमाएं

सुल्तानगंज में दुर्गा प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा में बुधवार को दोपहर बाद एक दर्जन प्रतिमाएं एक साथ सड़क पर उतरीं। इनमें नगर परिषद क्षेत्र की कुल 8 प्रतिमाएं और अब्जूगंज बाजार की 3 दुर्गा तथा एक रक्षा काली की प्रतिमाएं शामिल हैं।

नगर परिषद की बड़ी दुर्गा मां के नेतृत्व में नया दुर्गास्थान चौक बाजार स्टेशन रोड की मां दुर्गा स्टेडियम रोड की मां दुर्गा नयी सीढ़ीघाट की मां दुर्गा सब्जी बाजार की पंडाली शिव दुर्गा विनोबानगर की मां दुर्गा एवं गंगापुर की मां दुर्गा के साथ ही अब्जूगंज की बड़ी एवं छोटी मां दुर्गा सहित महादलित टोले की मां दुर्गा एवं रक्षा काली की प्रतिमाएं चल रही थीं। प्रशासनिक मनाही के बावजूद मुहर्रम की तरह ही दुर्गा विसर्जन यात्रा में भी डीजे की धूम रही।


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