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कल्‍पवृक्ष देखना हो तो यहां आइए, जमुई के इस इकलौते पार्क में ढाई सौ कल्पवृक्ष हैं

Kalpavriksha बिहार के जमुई चकाई प्रखंड के गोद में अवस्थित महावीर वाटिका इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। महावीर वाटिका बना जमुई समेत बिहार का गौरव। यहां इस प्रजाति के ढाई सौ से अधिक पौधों का रोपण किया गया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:01 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:01 AM (IST)
कल्‍पवृक्ष देखना हो तो यहां आइए, जमुई के इस इकलौते पार्क में ढाई सौ कल्पवृक्ष हैं
महावीर वाटिका इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

जागरण संवाददात, जमुई। जमुई जिला अंतर्गत चकाई प्रखंड के माधोपुर में प्रकृति की गोद में अवस्थित महावीर वाटिका इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। चकाई-देवघर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 333 पर स्थित वाटिका का भ्रमण करने बिहार के अलावे झारखंड , पश्चिम बंगाल समेत देश के अन्य राज्यों के साथ विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं और पार्क का भ्रमण कर प्राकृतिक छटा का लुफ्त ले रहे हैं।

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वनों के क्षेत्रीय पदाधिकारी (रेंजर) उदय शंकर ने महावीर वाटिका की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि शहर के कोलाहल से दूर यह पार्क 110 एकड़ में फैला हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यहां आने वाले पर्यटकों को महावीर वाटिका प्रकृति के साथ रहने का एहसास कराता है , जिससे वे सभी मुग्ध हो जाते हैं। श बच्चे , बूढ़े और जवान सभी उम्र और वर्ग के लोग पार्क में आनंद के साथ स्वास्थ्य लाभ करने आ रहे हैं , जो इसकी महत्ता को खास तौर पर परिभाषित करता है।

वन विभाग ने महावीर वाटिका को देश स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कल्प वृक्ष वाटिका, फल बाग, अशोक वाटिका, रुद्र वन, महावीर कुंड, शिव कुंड, पंचवटी वन, अड़हुल बाग, भूल - भूलैया, त्रिफला वन, बंबू सेन्टम, येलो बंबू, एक जोड़ा बगीचा, चिल्ड्रन पार्क, साल वन, बर - पाकर - पीपल और गुल्लर युक्त फाई केरियम, कार्बन फॉरेस्ट, मेवाकि वन, केदार कुंड, पाम आइलैंड, मशाला वन, चंदन वन, रीठा, इमली, सिंदूर, कुसुम, करम समेत सैकड़ों औषधि और अन्य दुर्लभ पौधे लगाए गए हैं। उन्होंने यहां पर्यटकों के मनोरंजन के लिए नौका विहार, झूला, झरना आदि का भी पुख्ता प्रबंध किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि आमजन महावीर वाटिका का भ्रमण कर दुर्लभ पौधों की जानकारी ले रहे हैं और अपना ज्ञानवर्धन के साथ क्षमतावर्धन कर रहे हैं।

यहां इस प्रजाति के ढाई सौ से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। कल्पवृक्ष के सभी पौधों के पूरी तरह स्वस्थ रहने के साथ तेजी से विकास करने की जानकारी देते हुए कहा कि महावीर वाटिका देश का इकलौता पार्क है , जहां इतनी बड़ी संख्या में एक साथ सम्बंधित वृक्ष मौजूद है।

बीजा साल वन वृक्ष से मधुमेह (डायबिटीज) रोग को नियंत्रित करने के लिए दवा बनाई जाती है। यह वृक्ष को अत्यंत लाभकारी करार दिया।

महावीर वाटिका में बर, पाकर, पीपल और गुल्लर का पेड़ दो-दो मीटर की दूरी पर लगाया गया है। ब्रह्म वृक्ष का एक ग्रुप में चार पौधे लगाए गए हैं। इस प्रकार के कुल 45 ग्रुप तैयार किए हैं। सभी चार पौधे वाले एक ग्रुप कुछ वर्षों में आपस में मिलकर एक वृक्ष बन जाएंगे। इस प्रकार कुल 45 वृक्ष तैयार होंगे जो महावीर वाटिका के शान को शिखर पर स्थापित करने में कामयाब होगा।

महावीर वाटिका में नवग्रह वन, नक्षत्र वन, कैफेटेरिया आदि का निर्माण प्रस्तावित है। इस दिशा में यथोचित कार्य प्रगति पर है। रेंजर उदय शंकर ने महावीर वाटिका की देखभाल के लिए चार दर्जन से अधिक कर्मियों को तैनात किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, मंत्री विजय कुमार चौधरी, नीरज सिंह, सुमित कुमार सिंह आदि गणमान्य लोग इस वाटिका का भ्रमण कर इसे और अधिक विकसित किए जाने की बात कही है।

फॉरेस्टर विनोद कुमार चौधरी ने बताया कि महावीर वाटिका की स्वच्छता के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने पार्क के सौंदर्य को और मनभावन एवं मन लुभावन बनाए जाने की बात कही।

उधर महावीर वाटिका की खूबसूरती पर्यटकों को अनायास अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। पर्यटक पार्क भ्रमण के लिए स्वतः खींचे चले आ रहे हैं।


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