हृदयाघात आने पर चबाएं इस्पिरीन ग्रुप की गोली, जानिए... और क्या बरतें सावधानी
मरीज को अटैक आए तो उसे इस्पिरीन ग्रुप की गोली 325 एमजी चबाकर खानी चाहिए। इससे हार्ट अटैक की संभावना तत्काल टल जाती है। मरीज की जान बच सकती है।
भागलपुर [जेएनएन]। ठंड में अन्य दिनों की तुलना में हार्ट अटैक यानी हृदयाघात होने की संभावना बढ़ जाती है। सबसे जाना-पहचाना लक्षण है सीने में बहुत तेज दर्द जो धीरे-धीरे बायें कंधे तक जाता है, फिर जबड़ों में। उसके बाद दोनों कंधों के बीच में। हार्ट अटैक के 50 फीसद मरीजों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मृत्यु हो जाती है। दिल का दौरा पडऩे पर आप बेहोश हो सकते हैं या फिर अपने पैरों पर भी खड़े रह सकते हैं।
अगर आप घर पर हैं या कहीं अकेले हैं, तो प्राथमिक उपचार ही आपको सुरक्षित रख सकता है। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक कुमार सिंह का कहना है कि मरीज को अटैक आए तो उसे इस्पिरीन ग्रुप की गोली 325 एमजी चबाकर खानी चाहिए। इससे हार्ट अटैक की संभावना तत्काल टल जाती है। मरीज की जान बच सकती है। इसके बाद मेडिकल हेल्प के लिए किसी नजदीकी चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। अगर सीने में आधे घंटे तक तेज दर्द हो रहा हो, तो समझना चाहिए कि यह लक्षण हार्ट अटैक का है। अगर मरीज को पूर्व में दौरा पड़ चुका है, तो उसे अपने पास जरूरी दवा रखना ही चाहिए।
क्या करें
-पीडि़त को सीधा लेटने के लिए कहें और उसके कपड़ों को ढीला कर दें।
-हवा आने की जगह छोड़ दें और लंबी सांस लेने के लिए कहें।
-अगर व्यक्ति को सांस नहीं आ रही, तो उसे ऑक्सीजन देने की कोशिश करें।
-दोनों पैरों को उठा दें, ताकि हृदय तक ब्लड सप्लाई को सही किया जा सके।
-दिल की धड़कन जाने बिना थंपिंग और पंपिग करने से परहेज करना चाहिए।
-कुछ खिलाने की कोशिश न करें।
-घेर कर न रखें, इससे उसे ऑक्सीजन लेने में परेशानी होगी।